कोरोनावायरस टेस्टिंग में भारत दुनिया के मुकाबले काफी पीछे, जानें- बिहार और झारखंड का हाल
कोरोनावायरस का पहला मामला भारत में आए करीब 4 महीने होने को हैं. देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में ये संख्या और बढ़ सकती है. ये भी कहा जा रहा है कि भारत में संक्रमित लोगों का पता लगाने के लिए जितनी टेस्टिंग होनी चाहिए उतनी नहीं हो रही है. कोरोना का अबतक कोई इलाज नहीं है. लेकिन इसको नियंत्रित करने में टेस्टिंग की भूमिका अहम है.
कोरोना वायरस का पहला मामला भारत में आए करीब चार महीने होने को हैं. देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में ये संख्या और बढ़ सकती है. ये भी कहा जा रहा है कि भारत में संक्रमित लोगों का पता लगाने के लिए जितनी टेस्टिंग होनी चाहिए उतनी नहीं हो रही है. कोरोनावायरस का अबतक कोई इलाज नहीं है. लेकिन इसको नियंत्रित करने में टेस्टिंग की भूमिका अहम है.
Also Read: आइसीएमआर की गाइडलाइन: कोरोना से मौत के मामले में पोस्टमार्टम जरूरी नहीं, जानें कैसे किया जाएगा अंतिम संस्कारआईसीएमआर के मुताबिक, 20 मई यानी मंगलवार नौ बजे तक भारत में 25 लाख 12 हजार 388 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं. संस्था का कहना है कि उसने कोविड-19 के लिए टेस्टिंग को बढ़ाया है. आईसीएमआर के मुताबिक़, कुल 522 लैब इंडिपेंडेंट टेस्टिंग कर रही हैं और उसके बाद टेस्ट डेटा आईसीएमआर को दे रही हैं. इनमें से 371 सरकारी लैब हैं और 151 प्राइवेट लैब हैं. लेकिन ये भी सच है कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अभी तक कम लोगों की जांच के लिए भारत की आलोचना हो रही है.
covid19india.org के मुताबिक, देश में कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने वाले टेस्ट बेहद कम हुए हैं. 17 मई तक के आंकड़ों को देंखें तो यहां प्रति 10 लाख लोगों में महज 1671 लोगों के टेस्ट किए गए हैं, जो दुनिया भर के देशों में सबसे निम्नतम दर है. वहीं अगर दुनिया की बात करें तो प्रति 10 लाख की आबादी पर अमेरिका ने 36054 लोगों की जांच की है. ठीक इसी प्रकार रूस ने 50103 लोगों की, ब्रिटेन ने 39717 लोगों की, स्पेन ने 65004 लोगों की, इटली ने 49784 लोगों की जर्मनी ने 37857 लोगों की, तुर्की ने 19542 लोगों की फ्रांस ने 12042 लोगों की और ब्राजील जैसे देश ने 3499 लोगों की जांच की है.
भारत के किन राज्यों में सबसे ज्यादा-सबसे कम टेस्टभारत में अगर कोरोना जांच की बात करें तो कई राज्यों में आबादी के हिसाब से जांच की रफ्तार काफी धिमी है. भारत के 29 राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना दस्तक दे चुका है. कई ऐसे राज्य भी हैं जो कोरोना फ्री हो गये. गोवा सहित कई ऐसे राज्य भी हैं जो कोरोना फ्री होने के बाद फिर से इसकी चपेट में आ गए. भारत के राज्यों में जांच की गति सबसे ज्यादा दिल्ली में है वहीं सबसे बुरी तरह स्थिति बिहार की है.
बिहार- झारखंड में जांच की स्थितिबिहार में प्रति 10 लाख लोगों पर महज 383 लोगों का टेस्ट हुआ है. हालंकि सूची में सबसे अंतिम स्थान पर मिजोरम है जहां मात्र 237 लोगों का टेस्ट हुआ है. यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि मिजोरम की जनसंख्या काफी कम है और यहां कोरोना के इक्का दुक्का ही मामले हैं. वहीं बिहार की जनसंख्या 11 करोड़ से उपर है और कोरोना के मामले 1500 से ज्यादा. बीते कुछ दिनों में प्रवासी मजदूरों के आगमन के कारण कोरोना मामलों में जबरदस्त इजाफा हुआ है. बात करें झारखंड की तो यहां प्ति 10 लाख लोगों के मुकाबले 888 लोगों का टेस्ट हुआ है. झारखंड में 20 मई की सुबह तक कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 248 हो गयी है. आपको बता दें कि पूरे झारखंड में 118 एक्टिव मामलों में 97 प्रवासी हैं, जो लॉकडाउन के बाद दूसरे राज्यों से अपने घर वापस आये हैं. एक्टिव मामलों की बात करें तो सबसे ज्यादा 29 मामले हजारीबाग से हैं.
देश के बाकी राज्यों में कोरोना जांच की स्थिति इस तस्वीर में देखें. आईसीएमआर द्वारा जांच की गतिदेश में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं और ये आंकड़ा 1 लाख पार कर चुका हैं वहीं ये महामारी देश में 3300 से ज्यादा जिंदगियां लील चुकी है. केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकार भी इस लड़ाई में युद्धस्तर पर डटी हैं और उन्हें कई मोर्चों पर सफलता भी मिल रही है जैसे रिकवरी रेट के मोर्चे पर यानि भारत में ठीक हुए मरीजों की दर लगातार बढ़ रही है. आईसीएमआर के मुताबिक, देश में अब तक कोरोना के सक्रिय केसों में बढ़ोतरी कुल बढ़ोतरी दर की तुलना में धीमी रही है. देश में लॉक डाउन 4.0 की घोषणा हो चुकी है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने जांच की रणनीति में बड़े बदलाव कर दिया है.
आईसीएमआर द्वारा टेस्टिंग की गति को सूची में देखें.तारीख | कुल जांच | 24 घंटे में जांच |
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8 मई | 1437788 | 80375 |
9 मई | 1523213 | 85425 |
10 मई | 160937 | 85824 |
11 मई | 1673688 | 64651 |
12 मई | 1759579 | 85891 |
13 मई | 1854250 | 94761 |
14 मई | 1947041 | 92791 |
15 मई | 2039952 | 92911 |
16 मई | 2134277 | 94325 |
17 मई | 2227642 | 93365 |
18 मई | 2302792 | 75150 |
19 मई | 2404267 | 101475 |
20 मई | 2512388 | 108121 |
भारत में प्रति एक लाख आबादी पर कोरोना से मौत के करीब 0.2 मामले आए हैं जबकि दुनिया का आंकड़ा 4.1 मृत्यु प्रति लाख का है. अमेरिका में प्रति एक लाख आबादी पर यह दर 26.6 की है. ब्रिटेन में संक्रमण से मृत्यु की दर करीब 52.1 लोग प्रति एक लाख है. इटली में यह दर करीब 52.8 मृत्यु प्रति लाख जनसंख्या है. वहीं, फ्रांस में मृत्यु दर 41.9 है जबकि स्पेन में प्रति लाख यह दर करीब 59.2 है. जर्मनी, ईरान, कनाडा, नीदरलैंड और मेक्सिको में यह दर क्रमश: लगभग 9.6, 8.5, 15.4, 33.0 और 4.0 मौत प्रति लाख आबादी है. इसके अलावा चीन में कोविड-19 के कारण मौत की दर करीब 0.3 मृत्यु प्रति लाख आबादी है.