Coronavirus in Madhya pradesh: Bhopal Gas Tragedy के कितने पीड़ितों की कोरोना से मौत? शिवराज सरकार के मुकाबले NGO के आंकड़ें दोगुना
Coronavirus in Madhya pradesh, Bhopal Gas tragedy, Bhopal disaster, Madhya pradesh shivraj govt: मध्य प्रदेश देश के उन राज्यों में शामिल है जहां कोरोनावायरस संक्रमण फैल रहा है. कोरोना महामारी के कारण भोपाल गैस त्रासदी के कई पीड़ितों ने दम तोड़ा. मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार (Shivraj govt) के मुताबिक, कोरोना के कारण 102 भोपाल गैस कांड सर्वाइवर की मौत हुई. वहीं एनजीओ के आंकड़े बताते हैं कि 254 लोगों की मौत हुई है
Coronavirus in Madhya pradesh, Bhopal Gas tragedy, Bhopal disaster, Madhya pradesh shivraj govt: मध्य प्रदेश देश के उन राज्यों में शामिल है जहां कोरोनावायरस संक्रमण फैल रहा है. कोरोना महामारी (Coronavirus) के कारण भोपाल गैस त्रासदी के कई पीड़ितों ने दम तोड़ा. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की शिवराज सरकार के मुताबिक, कोरोना के कारण 102 भोपाल गैस कांड सर्वाइवर (survivors of Bhopal Gas Tragedy) की मौत हुई. वहीं एनजीओ (NGO) के आंकड़े बताते हैं कि 254 लोगों की मौत हुई है
आज 1984 भोपाल गैस त्रासदी की 36वीं बरसी survivors of Bhopal Gas Tragedy है और ये आकड़ा बुधवार को जारी किया गया है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, भोपाल गैस त्रासदी विश्व का सबसे बड़ा औद्योगिक हादसों में से एक है. भोपाल में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) के कीटनाशक संयंत्र से 2-3 दिसंबर 1984 की रात को मिथाइल आइसोसाइनेट के रिसाव के बाद 15,000 से अधिक लोगों की जान चली गई थी.
जहरीली गैस से पांच लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए थे. इंडिया टुडे ने भोपाल गैस त्रासदी राहत और पुनर्वास निदेशक बसंत कुर्रे के हवाले से लिखा है कि 2 दिसंबर तक कोविड-19 से भोपाल जिले में कुल 518 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से 102 लोग भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ित थे. इधर, एनजीओ भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन (बीजीआईए) की रचना ढींगरा ने दावा किया कि भोपाल में कोविड -19 के कारण अब तक 518 लोग मारे गए हैं.
हमने इनमें से 450 मृतकों के घरों का दौरा किया. 450 लोगों में से 254 भोपाल गैस के पीड़ित थे. इन 254 पीड़ितों के पास स्मार्ट कार्ड थे जो भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) द्वारा जारी किए गए थे. उन्होंने दावा किया कि दो और तीन दिसंबर 1984 की दरम्यानी रात को यूनियन कार्बाइड के भोपाल स्थित कारखाने से रिसी जहरीली गैस मिक (मिथाइल आइसोसाइनाइट) से अब तक 20,000 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं और लगभग 5.68 लाख लोग प्रभावित हुए हैं..
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Posted By: Utpal kant