पीएम मोदी ने कोरोना के खतरे को लेकर की हाई लेवल मीटिंग, अधिकारियों को दिए जरूरी निर्देश
Covid-19 के नए वेरिएंट के बढ़ रहे मामलों की रोकथाम के मद्देनजर सरकार सख्ती के मूड में है. इसी कड़ी में पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को शीर्ष अधिकारियों के साथ अहम बैठक की. जानकारी के मुताबिक, करीब दो घंटे तक चली इस बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कोरोना वायरस वैक्सीनेशन को लेकर स्थिति की समीक्षा की.
New Variant of Coronavirus कोविड-19 के नए वेरिएंट के बढ़ रहे मामलों की रोकथाम के मद्देनजर सरकार सख्ती के मूड में है. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को शीर्ष अधिकारियों के साथ अहम बैठक की. जानकारी के मुताबिक, करीब दो घंटे तक चली इस बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कोरोना वायरस वैक्सीनेशन को लेकर स्थिति की समीक्षा की. इस दौरान प्रधानमंत्री ने नए वेरिएंट से बचाव के संबंध में कुछ निर्देश भी दिए.
कोरोना वायरस का नया वेरिएंट सामने आने के बाद बढ़े खतरे को लेकर बुलाई गई इस बैठक में पीएम मोदी के मुख्य सचिव पीके मिश्रा, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल मौजूद रहे. प्रधानमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, बैठक के दौरान अधिकारियों ने पीएम मोदी को कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के संक्रामक प्रभाव और अलग-अलग देशों में इसके असर की जानकारी दी.
साथ ही भारत में कोविड के इस नए वेरिएंट के प्रभाव को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई. इस दौरान पीएम मोदी ने अधिकारियों से नए वेरिएंट को लेकर सतर्कता के साथ कदम उठाने के निर्देश दिए. प्रधानमंत्री ने कहा कि बाहर से भारत में प्रवेश करने वाले सभी यात्रियों की कोविड गाइडलाइन के मुताबिक जांच करते हुए उनकी मॉनिटरिंग की जाए. खासतौर पर जो देश रिस्क वाली कैटेगरी में हैं, वहां से आने वाले यात्रियों पर विशेष ध्यान दिया जाए.
इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय यात्रा के प्रतिबंधों में जो छूट दी गई है, अब कोरोना वायरस के इस नए वेरिएंट के खतरे को देखते हुए उसकी भी समीक्षा की जानी चाहिए. बैठक के दौरान पीएम मोदी ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम किया जाए, ताकि प्रदेश और जिला स्तर पर लोगों को पर्याप्त तौर पर इस नए खतरे के प्रति जागरुक किया जा सके. साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि फिलहाल देश के जिन राज्यों में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, वहां बेहद गंभीरता के साथ बचाव संबंधी कदम उठाए जाना चाहिए.
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