coronavirus update, corona vaccine latest news, ICMR partners with Bharat biotech: दुनिया भर में कोरोनावायरस का कहर जारी है. विश्व के कई देश कोरोना को समाप्त करने के लिए वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं. इटली और इजरायल जैसे देश कोविड-19 की वैक्सीन बनाने का दावा कर चुके हैं. वहीं अब भारत भी कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने की दिशा में बढ़ चुका है.इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के साथ मिलकर देश में ही कोविड-19 के लिए वैक्सीन तैयार करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है. दोनों की कोशिश है कि कोरोना के इलाज के लिए देश में ही वैक्सीन तैयार की जाए. इस बात की जानकारी खुद आईसीएमआर ने दी है.
.@ICMRDELHI has transferred the #Covid_19 strain isolated at @icmr_niv to @bharatbiotech. We will be partnering with them to develop an indigenous #Covid_19 vaccine!#icmrfightscovid19 #IndiaFightsCoronavirus @MoHFW_INDIA #MakeInIndia pic.twitter.com/Q73JZsU30f
— ICMR (@ICMRDELHI) May 9, 2020
आईसीएमआर की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करने के लिए पुणे के लैब से वायरस स्ट्रेन को भारत बायोटेक को भेज दिया गया है. जानकारी के मुताबिक अगर वैक्सीन तैयार हो जाती है तो सबसे पहले जानवरों पर इसका ट्रायल किया जाएगा. जानवरों पर ट्रायल सफल होने के बाद इंसानों पर इसका ट्रायल किया जाएगा. कोरोना की वैक्सीन विकसित करने के लिए नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) पुणे में अलग किए गए वायरस स्ट्रेन का इस्तेमाल किया जाएगा. आईसीएमआर की ओर जारी बयान में बताया गया है कि एनआईवी में अलग किए गए वायरस स्ट्रेन को सफलतापूर्वक बीबीआईएल के लिए भेज दिया गया है. अब वैक्सीन तैयार करने पर काम किया जाएगा.
आईसीएमआर की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘दोनों सहयोगियों के बीच वैक्सीन डिवेलपमेंट को लेकर काम शुरू हो गया है. इस प्रक्रिया में आईसीएमआर-एनआईवी की ओर से बीबीआईएल को लगातार सपोर्ट दिया जाता रहेगा. वैक्सीन डेवेलपमेंट, ऐनिमल स्टडी और क्लिनिकल ट्रायल को तेज करने के लिए आईसीएमआर और बीबीआईएल तेजी से अप्रूवल लेते रहेंगे. बता दें कि शनिवार को हुआ यह समझौता कोरोना कै वैक्सीन खोजने की दिशा में भारत बायोटेक का तीसरा कदम है. इससे पहले 20 अप्रैल को डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नॉलजी की ओर से भारत बायोटेक को इनऐक्टिवेटेड रैबीज वेक्टर प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल करते हुए वैक्सीन बनाने के लिए फंडिंग का ऐलान किया गया था.
अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने एएनआई से बातचीत करते हुए कहा- कम से कम तीन टीके हैं जिन पर भारतीय और अमेरिकी कंपनियां एक साथ काम कर रही हैं. इसके अलावा, हम आपूर्ति श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और इस विशेष संकट ने निश्चित रूप से अमेरिका को दिखाया है कि भारत काफी विश्वसनीय भागीदार है.