कोरोना संकट काल के दौर में देश की अर्थव्यवस्था की हालत कमजोर है. ग्लोबल रेटिंग एजेंसियां मूडीज, फिच और एस एंड पी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अच्छे संकेत नहीं दिए हैं. मंगलवार को मूडीज ने भारत की रेटिंग घटायी तो भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने आक्रमक प्रतिक्रिया दी. उन्होंने आरोप लगाया है कि ये एजेंसियां चीन की साजिश के तहत भारतीय अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने का प्रयास कर रही हैं.
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झारखंड के गोड्डा से सांसद दूबे ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि बेशक ये एजेंसिया अमेरिका में स्थित हैं लेकिन चीन ने अपने रणनीतिक हित को देखते हुये इन कंपनियों में काफी बड़ा निवेश किया है. उन्होंने कहा, ये रेटिंग एजेंसियां ऐसे व्यवहार करती हैं जैसे ये भगवान हैं और हमारे देश को तीसरे दर्जे का देश मानती हैं. इसलिये भारत की सावरेन रेटिंग को लगातार नीचे रखा जाता है.
भाजपा सांसद की यह टिप्पणी ऐसे समय सामने आई है जब मूडीज ने सामवार को भारत की सावरेन रेटिंग को बीएए2 से घटाकर बीएए3 कर दिया. उसने कहा है कि बिगड़ती वित्तीय सथिति और लगातार कमजोर वृद्धि के जोखिम को कम करने के लिये नीतियों के क्रियान्वयन में चुनौतियां खड़ी होंगी. बीएए3 सबसे निचला निवेश ग्रेड है. यह कबाड़ ग्रेड से केवल एक पायदान ही ऊपर है.
दुबे ने कहा कि इन एजेंसियों ने देश की सही वित्तीय मजबूती को कभी विचार में नहीं लिया. भारत के जीडीपी के समक्ष रिण का अनुपात काफी कम है, इसे कभी तवज्जो नहीं दी गई. इसी प्रकार कई अन्य कारक भी रहे हैं जिनपर एजेंसियां गौर नहीं करतीं हैं. भाजपा सांसद ने कहा कि भारतीय कंपनियों के लिये बैंकों से कर्ज लेने के लिये इन एजेंसियों की रेटिंग लेने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया जाना चाहिये.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रेटिंग एजेंसी मूडीज़ इनवेस्टर्स सर्विस की रेटिंग को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट किया, मूडीज ने मोदी की अगुवाई में भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति को कबाड़ (जंक) से एक कदम ऊपर रेट किया है. गरीबों और एमएसएमई क्षेत्र को मदद के अभाव का मतलब यह है कि आगे हालत ज्यादा खराब होने वाली है.
Posted By: Utpal kant