Loading election data...

Coronavirus Pandemic : भारत में तेजी से बढ़ रहा है कोरोना का संक्रमण, अब तक 124 की मौत, 4789 लोग संक्रमित

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में मंगलवार को कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले बढ़कर 4789 हो गये जबकि इससे हुई मौत का आंकड़ा 124 पर पहुंच गया है. पिछले 24 घंटों में संक्रमण के 508 नये मामले सामने आये हैं, जबकि इस दौरान 13 लोगों की मौत हुई. वहीं, 353 मरीजों को इलाज के बाद स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी.

By ArbindKumar Mishra | April 7, 2020 7:36 PM

नयी दिल्ली : स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में मंगलवार को कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले बढ़कर 4789 हो गये जबकि इससे हुई मौत का आंकड़ा 124 पर पहुंच गया है. साथ ही मंत्रालय ने संक्रमित मरीजों की त्वरित चिकित्सा सुविधा को सुनिश्चित करने के लिये तीन स्तरीय प्रबंधन तंत्र लागू किया है.

मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मंगलवार को नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पिछले 24 घंटों में संक्रमण के 508 नये मामले सामने आये हैं, जबकि इस दौरान 13 लोगों की मौत हुई. वहीं, 353 मरीजों को इलाज के बाद स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी.

Also Read: बढ़ सकता है लॉकडाउन, राज्यों की सलाह पर विचार कर रही है केंद्र सरकार

उल्लेखनीय है कि सोमवार को 24 घंटों के दौरान 693 नये मामले सामने आये थे और 30 मरीजों की मौत हुई थी. उन्होंने संक्रमण के मामलों और मृतकों की संख्या में सोमवार की तुलना में मंगलवार को कमी आने पर संतोष व्यक्त करते हुये बताया कि मंत्रालय ने संक्रमित मरीजों को बीमारी की गंभीरता के अनुरूप इलाज मुहैया कराने के लिये चिकित्सा सुविधाओं को तीन श्रेणियों में बांटकर इलाज की व्यवस्था शुरु करने का फैसला किया है.

उन्होंने बताया कि संक्रमण के शुरुआती दौर वाले ऐसे मरीज जिनकी हालत गंभीर नहीं है, उनके लिये ‘कोविड-19 केयर सेंटर’ बनाये जायेंगे. इनमें संक्रमण के संदिग्ध मरीजों को भी रखा जायेगा.

ये सेंटर सरकारी इमारतों या होटल, लॉज या स्टेडियम आदि स्थानों पर बनाये जायेंगे, जिन्हें स्थानीय कोविड-19 अस्पतालों से संबद्ध किया जायेगा. जिससे जरूरत पड़ने पर मरीजों को इन अस्पतालों में तत्काल भेजा जा सके. अग्रवाल ने बताया कि दूसरी श्रेणी में ऐसे संक्रमित मरीजों को शामिल किया गया है, जो पहले से मधुमेह या हृदय रोग सहित अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं, या संक्रमण के कारण जिनकी हालत थोड़ी गंभीर है. इनके लिये ‘डेडीकेटिड कोविड-19 हेल्थ सेंटर’ बनाये जायेंगे.

ये सेंटर किसी अस्पताल में ही बनेंगे. इनमें ऑक्सीजन सहित अन्य जरूरी इंतजामों की अनिवार्य उपलब्धता को सुनिश्चित किया जायेगा. अग्रवाल ने बताया कि तीसरी श्रेणी में ‘डेडीकेटिड कोविड अस्पताल’ में गंभीर रूप से संक्रमण के शिकार मरीजों का इलाज होगा. इनमें सघन चिकित्सा केन्द्र और वेंटिलेटर सहित अन्य जरूरी चिकित्सा सुविधाओं की अनिवार्य उपलब्धता को सुनिश्चित किया जायेगा.

अग्रवाल ने संक्रमण के मामलों के अध्ययन पर आधारित एक अध्ययन रिपोर्ट के हवाले से लॉकडाउन को इस संकट का प्रभावी एवं कारगर उपाय बताया. उन्होंने कहा कि कोरोना के एक संक्रमित मरीज से दूसरों में संक्रमण फैलने की संभावना से जुड़ी इस अध्ययन रिपोर्ट में पता चला है कि लॉकडाउन का पालन नहीं होने पर एक संक्रमित व्यक्ति 30 दिन में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है जबकि लॉकडाउन का 75 प्रतिशत तक पालन होने पर एक संक्रमित व्यक्ति से औसतन 2.5 लोगों में संक्रमण फैलता है.

इसे ध्यान में रखते हुये उन्होंने देशवासियों से लॉकडाउन का पालन सुनिश्चित करने की अपील की. अग्रवाल ने कहा कि संक्रमण को रोकने के लिये लागू किये गये लॉकडाउन एकमात्र प्रभावी उपाय है और संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित इलाकों में लॉकडाउन का पालन सख्ती से कराने एवं सघन निगरानी तंत्र की मदद से इसे नियंत्रित करने में मदद मिल रही है.

उन्होंने कहा कि इस रणनीति के परिणामस्वरूप कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित इलाकों (हॉट स्पॉट) के रूप में चिन्हित किये गये आगरा, नोएडा, पूर्वी दिल्ली, भीलवाड़ा और मुंबई में लॉकडाउन के उपाय का असर दिखने लगा है और इन क्षेत्रों में स्थिति में सुधार आ रहा है. अग्रवाल ने कहा कि स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत पुणे, भोपाल, बेंगलुरु और सूरत सहित अन्य शहरों में प्रौद्योगिकी आधारित नयी सेवाओं का भी कोरोना नियंत्रण केन्द्रों को प्रभावी सहयोग मिल रहा है.

इसकी मदद से स्मार्ट सिटी से जुड़े इलाकों में संक्रमण पर निगरानी, रियल टाइम सिस्टम से एंबुलेंस सेवा का संचालन और आईटी प्रौद्योगिकी पर आधारित सूचनाओं के आदान-प्रदान से काफी मदद मिल रही है. उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के अंतर्गत संचालित कोरोना नियंत्रण कक्ष के माध्यम से संक्रमण के संदिग्ध मरीजों के संपर्क के दायरे का पता लगाने, पृथक रखे गये मरीजों की देखभाल और घरों में क्वारंटाइन किये गये मरीजों से संपर्क बनाने आदि में प्रभावी मदद ली जा रही है.

आगामी 14 अप्रैल को लॉकडाउन की समयसीमा समाप्त हाने के बाद इसके भविष्य को लेकर जारी अटकलों के बारे में अग्रवाल ने कहा कि सरकार लॉकडाउन के असर से जुड़े सभी पहलुओं पर विचार कर रही है. कोरोना संकट से निपटने के लिये भविष्य की रणनीति को लेकर जब भी फैसला किया जायेगा, उसी समय इससे अवगत कराया जा सकेगा. संवाददाता सम्मेलन में गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि मंत्रालय ने चिकित्सा संस्थाओं को कोरोना के इलाज में ऑक्सीजन की अबाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये राज्य सरकारों को निर्देश दिये हैं.

इस दौरान भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वैज्ञानिक रमन आर गंगाखेड़कर ने बताया कि देश में अब तक कोरोना संक्रमण की जांच के लिये 1,07,006 परीक्षण हो चुके हैं. इनमें पिछले 24 घंटों के दौरान किये गये 11,795 परीक्षण शामिल हैं. उन्होंने बताया कि देश में 136 सरकारी और 59 निजी प्रयोगशालाओं में कोविड-19 के परीक्षण की सुविधा सुचारू रुप से चल रही है.

Next Article

Exit mobile version