कोरोनावायरस के कहर के बीच मरीजों को लेकर अब डॉक्टरों को एक और मुसीबत का सामना करना पड़ रह है. दरअसल, देश के कई हिस्सों में कोरोना लक्षित मरीज की आरटीपीसीआर टेस्ट में सही रिपोर्ट नहीं आ रही है. बताया जा रहा है कि इसके पीछे कोरोनावायरस के नए स्वरूप को कारण माना जा रहा है. आरटीपीसीआर रिपोर्ट सही नहीं आने की वजह से गुजरात, एमपी और यूपी जैसे राज्यों में डॉक्टरों को मरीजों का समय पर इलाज करने में परेशानी उठानी पड़ रही है.
वनइंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के कई हिस्सों में अब कोरोनावायरस का पता आरटीपीसीआर टेस्ट से नहीं चल पा रहा है, जिसके कारण देश के कई शहरों में आरटीपीसीआर के साथ-साथ सीटी स्कैन की सुविधा भी शुरू की गई है. बताया जा रहा है कि छाती के टेस्ट से लंग्स पर पड़े इफेक्ट का पता चलता है और मरीजों को कोरोना का सही रिपोर्ट भी मिलता है.
रिपोर्ट में एक डॉक्टर के हवाले से बताया गया है कि गुजरात के कई शहरों में कोरोना के अधिकतर मरीजों की सही रिपोर्ट आरटीपीसीआर जांच से नहीं हो पा रही है, जिसके कारण अब डॉक्टरों ने सीटी स्कैन का सहारा लिया है. सीटी स्कैन के जरिए कोरोना के बारे में पता लगाया जा रहा है. इतना ही नहीं, डॉक्टर ने बताया कि कई ऐसे केस सामने आ रहे हैं, जिसमें मरीज के पास कोई लक्षण नहीं है, लेकिन कोरोना की वजह से उनका फेफड़ा बहुत ही अधिक डैमेज हो चुका होता है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ– वहीं इस मामले में एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने मीडिया को बताया कि यदि कोरोना का सैंपल ठीक से नहीं लिया गया है या फिर जांच समय पूर्व कर ली गई जब तक संक्रमण अधिक नहीं फैला हो तो रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि नहीं होती है. इसलिए यदि किसी व्यक्ति में संक्रमण के लक्षण हैं तो कोरोना का पता लगाने के लिए प्रयोगशाला की रिपोर्ट, सीटी/चेस्ट एक्स-रे के मुताबिक उपचार शुरू किया जाना चाहिए. 24 घंटे बाद फिर से जांच करानी चाहिए. देश में अब नये कोरोनावायरस का आरटीपीसीआर टेस्ट से नहीं चल पा रहा है तथा Latest News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें।
Posted By: Avinish kumar mishra