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वैक्सीन लेने के बाद भी होता है कोरोना का संक्रमण
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वैक्सीन लेने के कारण जल्दी हो पायी रिकवरी
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सिरदर्द, बुखार और पेट की समस्या मुख्य लक्षण
corona survivors story : पूरा देश कोरोना की दूसरी लहर को झेल रहा है. हजारों लोगों ने अपनों को खोया है और अभी भी वे उस दहशत से निकल नहीं पाये हैं. एक्सपर्ट कह रहे हैं कि अगर हमने सही कदम नहीं उठाया तो कोरोना की तीसरी लहर और भयावह होगी. इन परिस्थितियों में आशा की एक ही किरण नजर आ रही है कि देश में टीकाकरण अभियान जोर -शोर से चलाया जाये.
हालांकि कोरोना वायरस उन लोगों को भी अपना शिकार बना रहा है जिन्होंने कोरोना का टीका लिया है. दूसरी लहर में तो ऐसे कई मामले सामने आये, जिसमें वैक्सीन का एक डोज या फिर दो डोज लेने वाले कोरोना वायरस से संक्रमित हुए. ऐसे में फिर सवाल यह है कि आखिर कोरोना का टीका क्यों लगाया जा रहा है और इसके फायदे क्या हैं.
एक्सपर्ट की मानें तो कोरोना वैक्सीन लेने के बाद वायरस आपके शरीर को उतना नुकसान नहीं पहुंचा पाता जितना कि वह टीका नहीं लेने पर पहुंचाता है. साथ ही टीकाकरण के बाद कोरोना वायरस का असर बस उतना ही होता है जैसे किसी आम फ्लू का. यहां हम कुछ ऐसे लोगों की स्टोरी आपको बता रहे हैं, जिन्होंने वैक्सीन के दोनों डोज लिये थे फिर भी संक्रमित हुए.
झारखंड रांची के रहने वाले शक्ति वाजपेयी ने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाई है. उन्होंने बताया कि 24 अप्रैल की दोपहर को उन्हें सिर में दर्द हुआ और तबीयत ठीक नहीं लग रही थी. फिर रात तक हल्का बुखार हो गया. लेकिन मैंने उस उतना ध्यान नहीं दिया. लेकिन सिर का दर्द लगातार होने से परेशानी महसूस हो रही थी. मसल्स में दर्द भी महसूस हो रहा था, यही वजह थी कि उन्होंने 25 तारीख को सुबह में बुखार और दर्द की दवा ले ली. 26 तारीख को उनका आॅक्सीजन लेवल 93 हो गया तो उन्होंने डाॅक्टर से संपर्क किया. डाॅक्टर ने उन्हें दवा दी और टेस्ट के लिए कहा. शक्ति वाजपेयी ने खुद को कमरे में आइसोलेट कर लिया क्योंकि उनके साथ उनकी मां भी रहती हैं जो वृद्ध हैं. उन्होंने गर्म पानी, काढ़ा और प्रोटीनयुक्त भोजन का सेवन किया. जिसके कारण उनकी रिकवरी एक सप्ताह में हो गयी जबकि उन्हें हृदय संबंधित बीमारी है और वे शुगर के मरीज भी हैं. उनका आॅक्सीजन लेवल मेंटेन रहा और कोई ऐसी परेशानी नहीं हुई जो बहुत बड़ी थी. शक्ति वाजपेयी का कहना है कि अगर वे इतनी जल्दी रिकवर हो पाये और घर में रहकर ठीक हुए तो इसका श्रेय वे इसी बात को देते हैं कि उन्होंने वैक्सीन के दोनों डोज लिये थे.
रांची के ही राकेश कुमार भी दोनों डोज लेने के बाद कोरोना से संक्रमित हुए. इन्हें अस्पताल में भरती होना पड़ा था, लेकिन वे जल्दी ही स्वस्थ होकर मात्र चार दिन में अस्पताल से घर लौट आये. राकेश जी का कहना है कि मैं जितनी जल्दी रिकवर होकर घर लौटा उसका श्रेय वैक्सीन को ही जाता है, वरना लोगों को 10-12 दिन अस्पताल में रहना पड़ता है. राकेश कुमार ने बताया कि उन्हें डाॅक्टर्स ने विटामिन की गोलियां दी हैं और कुछ दवाएं भी जिनके जरिये वे जल्दी ही स्वस्थ हो जायेंगे.
पटना के रहने वाले पति-पत्नी अनिल कुमार वर्मा (72) और पूनम वर्मा (65) दोनों ने कोरोना का वैक्सीन लिया था. अनिल जी पहले से क्रोनिक अस्थमा, हाइ ब्लड प्रेशर और कॉन्सटिपेशन के पेशेंट हैं. उन्हें जब संक्रमण हुआ तो उन्हें कब्ज की शिकायत हुई और पेशाब भी रूक-रूक कर आने लगा जिससे उन्हें बेचैनी हुई और अचानक से उनका ऑक्सीजन लेवल 62-64 पहुंच गया. जिसके कारण उन्हें आॅक्सीनज सपोर्ट पर घर में रखा गया. डाॅक्टर की सलाह पर उन्हें दवा दिया जाने लगा. इसके साथ ही इन्होंने खाली पेट कुछ होमियोपैथी की दवा भी ली. एक सप्ताह दवा चलने के बाद उनकी तबीयत में सुधार होने लगा और वे अब लगभग स्वस्थ हो चुके है.
उनकी पत्नी पूनम वर्मा को हाइ ब्लड प्रेशर और हार्ट ब्लॉकेज की समस्या थी. इनकी तबीयत तब खराब हुई जब इन्हें हल्का बुखार आया और पेट खराब हो गया यानी लूज मोशन होने लगा. बुखार में आराम तो जल्दी मिला लेकिन लूज मोशन ज्यादा दिनों तक चला. अब इनकी तबीयत में सुधार है और यह रिकवरी लगभग कर चुके हैं. इनका कहना है कि वैक्सीन लेने का इन्हें फायदा मिला. इन्हें अस्पताल में भरती नहीं होना पड़ा और अब वे स्वस्थ हैं.
Posted By : Rajneesh Anand