Loading election data...

श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों को चलाने के लिए गंतव्य राज्यों से सहमति की जरूरत नहीं

Coronavirus lockdown 4 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में प्रवासी मजदूरों की यात्रा को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच विवाद के बाद रेलवे ने मंगलवार को कहा कि ऐसी ट्रेनों के परिचालन के लिए गंतव्य राज्यों की सहमति की जरूरत नहीं है.

By Agency | May 19, 2020 8:18 PM
an image

नयी दिल्ली : श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में प्रवासी मजदूरों की यात्रा को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच विवाद के बाद रेलवे ने मंगलवार को कहा कि ऐसी ट्रेनों के परिचालन के लिए गंतव्य राज्यों की सहमति की जरूरत नहीं है.

केंद्र सरकार ने प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाने के लिए इन ट्रेनों को चलाने के वास्ते रेलवे के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की जिसमें कहा गया कि गृह मंत्रालय से चर्चा के बाद रेल मंत्रालय श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए मंजूरी देगा. एसओपी जारी होने के कुछ घंटे बाद रेलवे के प्रवक्ता राजेश दत्त बाजपेई ने कहा, श्रमिक विशेष ट्रेनों को चलाने के लिए उन राज्यों की सहमति की आवश्यकता नहीं है जहां यात्रा समाप्त होनी है.

Also Read: Cyclone Amphan: 21 साल बाद भारत से टकराएगा महातूफान, 1999 में गई थी 9000 की जान

उन्होंने कहा, नयी एसओपी के बाद उस राज्य की सहमति लेना अब आवश्यक नहीं है जहां ट्रेन का समापन होना है. रेल मंत्रालय ने दो मई को जारी दिशा-निर्देशों में कहा था कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए रवानगी स्थल वाले राज्य को गंतव्य राज्य से अनुमति लेनी होगी और इसकी एक प्रति ट्रेन के प्रस्थान करने से पहले रेलवे को भेजनी होगी। नयी एसओपी के बाद अब गंतव्य राज्य से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी.

केंद्र ने कहा था कि पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान और छत्तीसगढ़ राज्य इन ट्रेनों के लिए मंजूरी नहीं दे रहे हैं जिससे लाखों प्रवासी मजदूर अपने घरों की ओर पैदल जाने को मजबूर हैं. हालांकि, राज्यों ने इन आरोपों को खारिज किया है. श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए अब सिर्फ रवानगी स्थल वाले राज्यों से ही मंजूरी की आवश्यकता होगी जिससे प्रवासी मजदूरों को ट्रेन से यात्रा करने में आसानी होगी.

Also Read: चीनी वैज्ञानिक का दावा, वैक्सीन नहीं इस दवा से ही खत्म हो जाएगा कोरोना

अधिकारियों ने कहा कि रेलवे को अगले सप्ताह में ऐसी 300 ट्रेन चलाए जाने और शेष प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाए जाने की उम्मीद है. गौरतलब है कि गत एक मई से रेलवे ने 1,565 प्रवासी श्रमिक ट्रेनों का परिचालन किया है और 20 लाख से अधिक प्रवासियों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाया है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा कि उत्तर प्रदेश ने जहां 837 ट्रेनों को मंजूरी दी है, वहीं बिहार ने 428 और मध्य प्रदेश ने 100 से अधिक ट्रेनों को मंजूरी प्रदान की है.

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सोमवार शाम तक छत्तीसगढ़ ने केवल 19, राजस्थान ने 33 और झारखंड ने केवल 72 ट्रेन चलाने की अनुमति दी थी. अधिकारियों के अनुसार, रेलवे के पास लगभग 300 ट्रेन रोजाना चलाने की क्षमता है, लेकिन वह इसकी आधी संख्या में ही ट्रेनों का परिचालन कर पा रहा है क्योंकि गंतव्य राज्य पर्याप्त संख्या में अनुमति नहीं भेज रहे. उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात, महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्य प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने को तैयार हैं, लेकिन कई गंतव्य राज्य मंजूरी नहीं दे रहे.

Also Read: VIDEO : डरा सकती है मुंबई की ये भीड़, बांद्रा स्‍टेशन में उमड़ा बिहार लौटने वाले प्रवासी मजदूरों का हुजूम

Exit mobile version