केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ाने की घोषणा की है. यह लॉकडाउन का चौथा चरण है. इसके लिए गृह मंत्रालय ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों के मुताबिक लॉकडाउन की स्थिति और स्वरूप क्या होगा, अब इसका फैसला राज्य कर सकेंगे. ऐसे में अब जवाबदेही भी राज्य सरकारों की होगी. आज राजस्थान और दिल्ली सहित कर राज्यों के मुख्यमंत्री लॉकडाउन 4.0 की स्थिति और स्वरूप का ऐलान करेंगे. राज्यों को निर्देश दिया है कि जल्द से जल्द अपने-अपने राज्य के जोनों (कंटेनमेंट, बफर , रेड) का वर्गीकरण करें.
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झारखंड और बिहार के मुख्यमंत्री की ओर से अभी तक साफ नहीं है कि लॉकडाउन 4.0 को लेकर उनका निर्देश कब आएगा. ऐसा माना जा रहा है कि राज्य की मौजूदा परिस्थितियों में लॉकडाउन-4 में भी केंद्र सरकार द्वारा दी गयी राहत झारखंड में लागू नहीं की जायेगी. दिल्ली और राजस्थान सरकार ने कहा है कि आज वो अपना दिशा निर्देश जारी करेंगे. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि हम केंद्र की गाइडलाइन का पालन करेंगे. हमारे पास मंगलवार तक कंटेनमेंट जोन और नन कटेंनमेंट जोन की सूची आ जाएगी जिसके बाद हम राज्य के लिए लॉकडाउन 4.0 का दिशा निर्देश जारी करेंगे.
Gujarat will make guidelines according to containment zone and non-containment zone. Tomorrow District Collectors, Municipal commissioners will make a list of these zones: Gujarat CM Vijay Rupani (17.05.2020) pic.twitter.com/zy7qZJqptc
— ANI (@ANI) May 18, 2020
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केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों को निर्देश दिया है कि जल्द से जल्द अपने-अपने राज्य को जोनों में बांट दिया जाए. दरअसल, केंद्र सरकार के नए आदेशों के तहत अब राज्य सरकारों को छूट दी गई है वो अपने विवेकानुसार प्रदेश को ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोन में बांटे. साथ ही राज्य की सीमाएं और बफर जोन की भी जल्द से जल्द कार्रवाई करें.
Union Health Secretary Preeti Sudan has directed all states & Union Territories to initiate necessary action in terms of categorisation of red/orange/green zones, delineation of containment zones and buffer zones. pic.twitter.com/Kf6no0imxF
— ANI (@ANI) May 17, 2020
केंद्र द्वारा लॉकडाउन 4 की गाइडलाइंस जारी होने के बाद कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने देश के सभी राज्यों के शीर्ष अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए बातचीत की. इस दौरान उन्होंने राज्यों से गुजारिश की कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को राज्य चलने दें ताकि प्रवासी मजदूरों को उनके मूल स्थानों तक भेजा जा सके. इस दौरान रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में गतिविधियों और विभिन्न कार्यों के संचालन को लेकर बनाई जाने वाली योजना पर विचार विमर्श हुआ.
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इसके तहत 31 मई तक सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाओं पर प्रतिबंध रहेगा.
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साथ ही मेट्रो रेल सेवा बंद रहेगी और रात 7 बजे से सुबह 7 बजे तक नाइट कर्फ़्यू जारी रहेगा. सभी सार्वजनिक जगहों और दफ़्तरों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है.
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साथ ही सार्वजनिक जगहों और कार्यालयों में थूकने पर जुर्माना लगाया गया है.
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देश में सिर्फ़ घरेलू एयर एंबुलेंस, सुरक्षा कारणों के लिए ही हवाई यात्रा की जा सकेगी, या गृह मंत्रालय द्वारा अनुमति मिलने के बाद हवाई यात्रा की जा सकेगी.
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स्कूल, कॉलेज और सभी प्रकार के शैक्षणिक संस्थान 31 मई तक बंद रहेंगे. केवल ऑनलाइन या डिस्टेंस लर्निंग जारी रहेगी, जिसे और प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.
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आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों या कहीं फंसे हुए लोगों को छोड़कर देशभर में सभी प्रकार के होटल, रेस्टॉरेंट और दूसरे हॉस्पिटेलिटी सेवाएं बंद रहेंगी. होम डिलिवरी के लिए रेस्टॉरेंट को किचन चालू रखने की अनुमति रहेगी.
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सभी सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, जिम, स्विमिंग पूल, इंटरटेनमेंट पार्क, थियेटर, ऑडिटॉरियम, बार, असेंबली हॉल बंद रहेंगे. स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और स्टेडियम खोलने की अनुमति दी जाएगी लेकिन उसमें दर्शकों को आने की अनुमति नहीं होगी.
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सभी प्रकार की सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, एकेडमिक, सांस्कृतिक या धार्मिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध रहेगा.
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सभी प्रकार के धार्मिक स्थल बंद रहेंगे और धार्मिक जुटान पर प्रतिबंध रहेगा.
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अंतर-राज्यीय यात्री परिवहन दो राज्यों के आपसी सहमति के बाद शुरू हो सकेगा.
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रेड, ऑरेंज, कंटेनमेंट और बफ़र ज़ोन कौन-सा क्षेत्र होगा इसका फ़ैसला ज़िला प्रशासन करेगा.
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कंटेनमेंट ज़ोन में सिर्फ़ ज़रूरी गतिविधियों की अनुमति होगी. ज़रूरी सेवाओं में लगे लोगों को छोड़कर इन ज़ोन से लोगों के आने-जाने की अनुमति नहीं होगी.
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सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्वास्थ्य सेवाओं के कर्मचारियों को बिना किसी रोकटोक के आने-जाने की अनुमति देने के लिए कहा गया है.
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सभी तरह का सामान ले जा रही गाड़ियों और ख़ाली ट्रकों को एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने की अनुमति दी गई है.