Coronavirus Lockdown: जानें रेड, आरेंज और ग्रीन जोन क्या है ?, लॉकडाउन में आपको मिलेगी कितनी राहत

coronavirus lockdown: देश को अब रेड( Red Zone), ऑरेंज (orange Zone) और ग्रीन ( green Zone) तीन जोन में बांटने का काम किया जाएगा. देश के कई राज्यों को इन तीन जोनों में बांटने का काम अलग-अलग राज्यों में कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामलों की संख्या को ध्‍यान में रखते हुए किया जाएगा.

By Amitabh Kumar | April 16, 2020 12:21 PM
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coronavirus lockdown : देश के कई हिस्सों को लॉकडाउन से राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने प्लान तैयार किया है. प्लान के तहत देश को अब रेड ( Red Zone), ऑरेंज (orange Zone) और ग्रीन ( green Zone) तीन जोन में बांटने का काम किया जाएगा. देश के कई राज्यों को इन तीन जोनों में बांटने का काम अलग-अलग राज्यों में कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामलों की संख्या को ध्‍यान में रखते हुए किया जाएगा. लॉकडाउन के दौरान लोगों को हा रही परेशानी से राहत देने के लिए गृहमंत्रालय की गाइडलाइंस के साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के प्रभाव के आधार पर राज्यों को अपने जिले को इन तीन जोन में निर्धारित करने का निर्देश दिया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सर्वाधिक संक्रमण वाले 170 जिलों को रेड जोन जिले, सीमित संक्रमण वाले 207 जिलों को आरेंज जोन (संभावित हॉटस्पाट जिले) और संक्रमण मुक्त शेष जिलों को ‘ग्रीन जोन’ में बांटते हुए राज्यों से कहा है कि अगर उनकी दृष्टि में ऐसे कोई जिले हैं जो हॉटस्पॉट के मानकों को पूरा करते हों, तो वे इन्हें इस श्रेणी में शामिल कर सकते हैं. इसका मतलब है कि देश में कुल 736 जिलों में 359 जिले पूरी तरह से कोराना से मुक्त हैं और ग्रीन जोन में हैं.

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रेड और आरेंज जोन में कोरोना वायरस का कंटेनमेंट प्लान लागू होगा और वहां किसी तरह की आर्थिक गतिविधि की इजाजत नहीं होगी. ग्रीन जोन में शारीरिक दूरी और मास्क की अनिवार्यता के साथ आर्थिक व सामाजिक गतिविधियों की इजाजत प्रदान की जाएगी. यहां ध्‍यान देने योग्य बात यह है कि 28 दिन तक कोरोना का एक भी मरीज सामने नहीं आने के बाद आरेंज जोन ग्रीन जोन में बदल जाएगा.

आप भी जानें रेड और आरेंज जोन में क्या है अंतर

रेड जोन में उन इलाकों को शामिल किया गया हैं, जहां कोरोना के हॉटस्पॉट हैं. जबकि आरेंज जोन में कोई भी हॉटस्पॉट एरिया नहीं है. रेड जोन को भी दो भागों में बांटने का काम किया गया है. रेड जोन में कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां कोरोना का आउटब्रेक हुआ है. ऐसे जिलों की संख्या देशभर में 123 है. इसके अलावा कुछ रेड जोन वाले जिले में कोरोना के बहुत सारे मरीज मिले हैं. वहां कलस्टर बनाने का काम किया गया है. ऐसे जिलों की संख्या 47 हैं.

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बिहार का ये है हाल

स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो बिहार का सीवान, राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्ली के दक्षिणी, दक्षिणी पूर्वी, शाहदरा, पश्चिमी उत्तरी और मध्य दिल्ली, उत्तरप्रदेश के आगरा, नोएडा, मेरठ, लखनऊ गाजियाबाद, शामली, फिरोजाबाद, मोरादाबाद और सहारनपुर रेड जोन में कोरोना आउटब्रेक वाले जिलों में शामिल है. यही नहीं बिहार का मुंगेर, बेगुसराय और गया, दिल्ली का उत्तरी-पश्चिमी, उत्तराखंड के नैनीताल और उधम सिंह नगर और उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर, सीतापुर, बस्ती और बागपत रेड जोन के कलस्टर वाले जिलों में है.

ऑरेंज जोन में शामिल जिले

बिहार के गोपालगंज, नवादा, भागलपुर,सारन, लखीसराय, नालंदा और पटना जबकि राजधानी दिल्ली का उत्तरी-पूर्वी… उत्तरप्रदेश के कानपुर नगर, वाराणसी, अमरोहा, हापुड़, महाराजगंज, प्रतापगढ़ और रामपुर जैसे जिलों को ऑरेंज जोन में रखा गया है. यहां न तो कोरोना का कलस्टर और न ही आउटब्रेक हुआ है. इन जिलों में कुछ केस पाये गये थे.

ये भी जानें

-रेड जोन वाले इलाके में घर-घर सर्वे कर कोरोना के संदिग्ध मरीजों की जांच करने का काम किया जाता है. पूरे इलाके को पूरी तरह सील कर किसी को आने-जाने की इजाजत नहीं दी जाती है.

-बफर जोन में आर्थिक गतिविधियों पर रोक साथ जरूरी सेवाओं को चालू रखने की इजाजत प्रशासन देता है. बफर जोन में सर्दी-खांसी, जुकाम और बुखार वाले मरीजों पर विशेष ध्यान रखा जाता है और उनका कोरोना टेस्ट करवाया जाता है.

-रेड और आरेंज जोन के अलावा सरकार ने ग्रीन जोन में भी कोरोना पर नजर रखने का निर्णय लिया है. ग्रीन जोन वाले इनफ्लुएंजा या सांस से संबंधित बीमारी से गंभीर रूप से ग्रसित मरीजों का कोरोना टेस्ट प्रशासन करवाएगी.

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