सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों से कहा- सेक्स वर्कर्स की पहचान पूछे बिना ही…
सेक्स वर्करों, जो लॉकडाउन के कारण अन्य लोगों की अपेक्षा ज्यादा प्रभावित हुए. अब इनकी मदद के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आगे आयी है.
कोरोना महामारी के फैलते संक्रमण को रोकने के लिए देश भर में जो लॉकडाउन लगाया गया था, अब उसे अनलॉक के तहत खोला जा रहा है. कोरोना महामारी और लॉकडाउन का असर लोगों के आर्थिक स्थिति पर भी पड़ा है. लॉकडाउन के कारण समाज के कई ऐसे वर्ग भी हैं जो रोजी – रोटी की बड़ी समस्या का सामना भी कर रहे है. उनमें से एक हैं सेक्स वर्कर्स, जो लॉकडाउन के कारण अन्य लोगों की अपेक्षा ज्यादा प्रभावित हुए. अब इनकी मदद के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आगे आयी है.
Supreme Court directs all the state governments to ensure that dry ration is provided to sex workers without insisting on any proof of identification
— ANI (@ANI) September 29, 2020
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वह सभी सेक्स वर्करों को सूखा राशन मुहैया कराए. कोर्ट ने केन्द्र और सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि वे उन्हें पहचान का सबूत पेश करने पर जोर दिये बगैर ही मासिक सूखा राशन देने दे. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान सेक्स वर्करों की परेशानियों का संज्ञान लिया था. गौरतलब है कि एक गैर सरकारी संगठन द्वारा सेक्स वर्करों की समस्याओं को लेकर दायर जनहित याचिका दायर की थी और कोर्ट से ये अपील की थी कि सेक्स वर्करों मुद्दों पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है.
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वही देश में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. बीते 24 घंटे में 70 हजार नये केस सामने आए हैं. वहीं 700 से आधिक मरीजों की मौत हो चुकी है. बता दें कि देश में सितंबर के अंतिम हफ्ते में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार कमी आई है. हालांकि एक्टिव मरीजों की संख्या में जरूर बढ़ोतरी हुई है.
Posted by : Rajat kumar