विश्व प्रसिद्ध भगवान केदारनाथ धाम के कपाट विधि विधान और पूजा अर्चना के बाद खोल दिए गये. केदारनाथ धाम कपाट खुलने के पश्चात सर्व प्रथम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से रूद्राभिषेक पूजा संपन्न की गयी. 11वें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ भगवान के कपाट मेष लग्न, पुनर्वसु नक्षत्र में सुबह छह बज कर 10 मिनट पर विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना के बाद खोले गये. इस अवसर पर मंदिर को 10 क्विंटल फूलों से सजाया गया है. प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर शुभकामनाएं दी है. केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग की मौजूदगी में मंदिर के द्वार खोले गए. कोरोना वायरस से निपटने के लिए लागू लॉकडाउन के कारण श्रद्धालुओं को धाम में जाने की इजाजत नहीं है. देवस्थानम बोर्ड के 16 लोगों को ही केदारनाथ जाने की अनुमति मिली है. इसके अलावा धाम में कुछ मजदूर और पुलिस के जवान मौजूद हैं.
Uttarakhand: Portals of the Kedarnath temple were opened at 6:10 am today. 'Darshan' for the devotees is not allowed at the temple as of now. https://t.co/v4Cj8RQja9 pic.twitter.com/jn5vUBN42N
— ANI (@ANI) April 29, 2020
इस बार बाबा केदार की डोली एक दिन पहले केदारनाथ पहुंच गई थी. बता दें, इसके बाद एक बार फिर हमेशा की तरह यहां अगले छह महीने तक शिव की पूजा अर्चना की जाएगी. बात अगर तापमान की करें तो इस समय यहां कड़ाके की ठंड होती है. इसके बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति में कोई कमी नहीं देखी जाती है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण श्रद्धालुओं को धाम में जाने की अनुमति नहीं है.
इससे पहले अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोल दिए गए थे. इसके साथ ही चार धाम यात्रा का आगाज भी हो गया था. तय शुभ मुहूर्त दोपहर 12.35 पर गंगोत्री धाम और 12.41 पर यमुनोत्री धाम के कपाट खोल दिए गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर मंदिर समिति गंगोत्री को 1100 रुपये दान में दिए.
केदारनाथ यात्रा के इतिहास में यह पहला मौका है जब मंदिर के कपाट खुलने के अवसर पर मंदिर परिसर पूरी तरह खाली रहा. इस बार हजारों भक्तों की बम-बम भोले के जयघोषों की गूंजों की कमी खली. ऐसा पूर्व में कभी नहीं देखा गया कि जब बाबा केदार के कपाट खुल रहे हों और भक्तों की किसी तरह कमी देखी गयी.
विश्व के साथ ही देश में कोरोना महामारी से माहौल भयभीत है. देश लॉकडाउन में है, ऐसे में सभी धार्मिक परम्पराओं का निर्वहन काफी सहज तरीके से किया जा रहा है ताकि लॉकडाउन के पालन के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे. भीड़ भाड़ न हो, इसको देखते हुए सरकार और प्रशासन ने केदारनाथ में सामान्य तीर्थयात्रियों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है.