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CoronaVirus Lockdown : जानें क्‍या होता है लॉकडाउन, क्‍या होगा बंद, क्‍या रहेगा खुला

कोरोना वायरस के भारत में बढ़ते खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार सहित राज्‍य की सरकारें भी सतर्क हो गयी हैं. भारत के जिन जिलों में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की जानकारी है उन जिलों को लॉकडाउन कर दिया गया है. दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 23 मार्च से 31 मार्च तक दिल्‍ली में लॉकडाउन का एलान कर दिया है.

By AmleshNandan Sinha | March 22, 2020 8:37 PM

नयी दिल्‍ली : कोरोना वायरस के भारत में बढ़ते खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार सहित राज्‍य की सरकारें भी सतर्क हो गयी हैं. भारत के जिन जिलों में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की जानकारी है उन जिलों को लॉकडाउन कर दिया गया है. दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 23 मार्च से 31 मार्च तक दिल्‍ली में लॉकडाउन का एलान कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्‍ट्र के नाम संबोधन के पहले भी ऐसे कयास लगाये जा रहे थे कि प्रधानमंत्री देशभर में लॉकडाउन का एलान करेंगे. ऐसे में आपका यह जानना जरूरी हो जाता है कि लॉकडाउन के मायने क्‍या हैं और इस स्थिति में कौन सी सेवाएं बंद रहती हैं और कौन सी खुली. यहां हम आपको इस बारे में पूरी जानकारी देंगे.

क्‍या होता है लॉकडाउन

लॉकडाउन एक इमर्जेंसी व्यवस्था होती है. अगर किसी क्षेत्र में लॉकडाउन हो जाता है तो उस क्षेत्र के लोगों को घरों से निकलने की अनुमति नहीं होती है. यह एक तरह से कर्फ्यू वाली स्थिति होती है. लेकिन कर्फ्यू में सभी लोगों को कुछ समय के लिए घर से बाहर निकलकर जरूरी सामानों की खरीदारी की छूट दी जाती है, लॉकडाउन में एक घर से एक से ज्‍यादा लोगों के घर से बाहर निकलने की छूट नहीं मिलती.

लॉकडाउन में जीवन के लिए आवश्यक चीजों के लिए ही बाहर निकलने की अनुमति होती है. अगर किसी को दवा या अनाज की जरूरत है तो बाहर जा सकता है या फिर अस्पताल और बैंक के काम के लिए अनुमति मिल सकती है. छोटे बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल के काम से भी बाहर निकलने की अनुमति मिल सकती है.

क्यों होता है लॉकडाउन

किसी तरह के खतरे से नागरिकों और किसी इलाके को बचाने के लिए लॉकडाउन किया जाता है. किसी बड़ी युद्ध की स्थिति हो या फिर महामारी, ऐसे में ही प्रभावित क्षेत्रों को लॉकडाउन किया जाता है. कोरोना वायरस का संक्रमण पूरे विश्‍व के लिए एक महामारी बन चुका है. ऐसे में दुनिया के कई देशों ने लॉकडाउन के माध्‍यम से इसके संक्रमण को बढ़ने से रोका है. यहांतक की जहां से इस वायरस की शुरुआत हुई थी, यानि चीन में भी लॉकडाउन के बाद ही इसपर नियंत्रण पाया जा सका.

वैज्ञानिकों का मानना है कि जिन जगहों पर संक्रमण पैदा करने वाली वायरस होते हैं वहां लोग जब एक दूसरे के संपर्क में आते हैं तो संक्रमित हो जाते हैं. ऐसी स्थिति में लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए स्‍थानीय प्रशासन या सरकारें लॉकडाउन की घोषणा कर देती है और लोगों के घरों से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी जाती है.

कोरोना वायरस के कारण इन देशों में है लॉकडाउन

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए चीन, डेनमार्क, अल सलवाडोर, फ्रांस, आयरलैंड, इटली, न्यूजीलैंड, पोलैंड और स्पेन में लॉकडाउन जैसी स्थिति है. चूंकि चीन में ही सबसे पहले कोरोनावायरस संक्रमण का मामला सामने आया था, इसलिए सबसे पहले वहां लॉकडाउन किया गया. इटली में मामला गंभीर होने के बाद वहां के प्रधानमंत्री ने पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया. उसके बाद स्पेन और फ्रांस में भी कोरोना संक्रमण रोकने के लिए यही कदम उठाया गया.

कब-कब हुआ लॉकडाउन

अमेरिका में 9/11 के आतंकवादी हमले के बाद वहां तीन दिन का लॉकडाउन किया गया था. दिसंबर 2005 में न्यू साउथ वेल्स पुलिस फोर्स ने दंगा रोकने के लिए लॉकडाउन किया था. 19 अप्रैल, 2013 को बोस्टन शहर को आतंकियों की खोज के लिए लॉकडाउन कर दिया गया था. नवंबर 2015 में पेरिस हमले के बाद संदिग्धों को पकड़ने के लिए साल 2015 में ब्रुसेल्स में पूरे शहर को लॉकडाउन किया गया था.

क्या-क्या खुलेगा रहेगा

दूध, सब्जी और दवा की दुकानें लॉकडाउन के दौरान खुले रहेंगे. अस्पताल और क्लीनिक भी इस दौरान खुले रहेंगे. इसके अलावा राशन की दुकानें भी खुली रहेंगी. किसी बेहद जरूरी काम के लिए भी प्रशासन की ओर से छूट मिल सकती है. सरकार ने पेट्रोल पंपों और एटीएम को आवश्यक श्रेणी में रखा है, ऐसे में जरूरत के हिसाब से इन्हें खोला जा सकता है. अगर बहुत जरूरी हो तो लॉकडाउन में भी निजी वाहनों का प्रयोग किया जा सकता है. हालांकि बिना वजह बाहर घूमने पर सरकार कार्रवाई कर सकती है. आपात स्थिति में एंबुलेंस को भी बुला सकते हैं.

किन चीजों पर होगी पाबंदी

दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत एक स्थान पर चार या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर मनाही है. दिल्ली पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव द्वारा जारी आदेश 22 मार्च को रात नौ बजे से प्रभावी होगा जो इस महीने की 31 तारीख तक लागू रहेगा. निषेधाज्ञा के अनुसार किसी भी तरह के प्रदर्शन, जुलूस के लिए लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध रहेगा. उसके अनुसार किसी भी प्रकार के कार्यक्रमों जैसे सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, धार्मिक, अकादमिक, खेलकूद, संगोष्ठी या सम्मेलनों की भी इजाजत नहीं होगी.

साप्ताहिक बाजार (सब्जियां, फल एवं अन्य जरूरी वस्तुएं अपवाद हैं), कंसर्ट, प्रदर्शनियां आदि भी प्रतिबंधित होंगी. विभिन्न निजी टूर संचालकों द्वारा आयोजित सामूहिक यात्रा भी रोक लगा दी गयी है. श्रीवास्तव ने आदेश में कहा, ‘कोविड-19 का कोई भी संदिग्ध या सत्यापित मरीज रोकथाम एवं उपचार के कदमों जैसे घरों में पृथक रहने, संस्थान में पृथक रूप से रखे जाने आदि में सहयोग करेगा, ऐसा व्यक्ति निगरानी कर्मियों के निर्देशों में सहयोग और उसका पालन करेगा.’ आदेश के अनुसार निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर व्यक्ति को भादंसं की धारा 188 (जनसेवक द्वारा घोषित आदेश की अवेहलना) के तहत दंडित किया जा सकता है.

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