Coronavirus Lockdown, Linkedin Poll: देश के इन 15 जिलों में लागू हो एक माह का सख्त लॉकडाउन, 66% लोगों ने की ये मांग
coronavirus update, coronavirus , Coronavirus Live Updates, coronavirus lockdown: भारत में कोरोना की रफ्तार अब बेकाबू होती जा रही है. अनलॉक-2 में हर पांच दिन पर ही मामलों की संख्या एक लाख तक पहुंच रही है. देश में कोरोना संक्रमण के आंकड़े साढे सात लाख के करीब हैं. मामलों के लिहाज से भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर है. रोजाना 20 हजार से ज्यादा नये मामले सामने आ रहे हैं.
coronavirus update, coronavirus , Coronavirus Live Updates, coronavirus lockdown: भारत में कोरोना की रफ्तार अब बेकाबू होती जा रही है. अनलॉक-2 में हर पांच दिन पर ही मामलों की संख्या एक लाख तक पहुंच रही है. देश में कोरोना संक्रमण के आंकड़े आठ लाख के करीब हैं. मामलों के लिहाज से भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर है. रोजाना 20 हजार से ज्यादा नये मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे वक्त में जब कोविड-19 मामलों में भारत की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है तब कई लोग ये मांग कर रहे हैं कि सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों को फिर से एक माह के लिए लॉकडाउन किया जाए. ताकि कोरोना संक्रमण के चेन को तोड़ा जाए.
देश के कई राज्य सरकारों ने कई जिलों में लॉकडाउन का ऐलान किया है, जबकि कई जिलों में अनलॉक 2 के तहत ज्यादा ढील दी जारी है. बुधवार को ही बिहार के पटना सहित कई अन्य जिलों में एक हफ्ते का ही लॉकडाउन ऐलान किया गया है. देश के जिन जिन जिलों में लॉकडाउन बढाया गया है वहां उसकी अवधि एक या दो हफ्ते ही है. कहीं भी एक माह के लॉकडाउन का ऐलान नहीं किया गया है. लोकल सर्कल्स के एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, अनलॉक-2 में लोगों की राय बदल गयी है. लोकल सर्कल्स ने नीति आयोग द्वारा घोषित सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित 15 जिलों के लिए सर्वे किया. इसमें देश के 233 जिलों से 16 हजार लोगों ने वोट किया.
रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें से 66 फीसदी लोगों ने कहा कि कोरोना की चेन तोड़ने के लिए 15 सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में एक माह का सख्त लॉकडाउन जरूरी है. जबकि 27 फीसदी लोगों ने लॉकडाउन के लिए मना किया. सात फीसदी लोगों ने कुछ नहीं कहा. पहले के सर्वे (12 जून) को 74 फीसदी लोग चाहते थे कि सर्वाधिक कोरोना प्रभावित 15 जिलों सख्त लॉकडाउन हो. जबकि अभी मात्र 66 फीसदी इस बारे में सहमत हैं. सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि 3 मई को 74 फीसदी लोग, 12 मई को 45 फीसदी लोग, 28 मई को 72 फीसदी लोग , 12 जून को 74 फीसदी लोग और 30 जून को 66 फीसदी लोगों का मानना था कि उन 15 जिलों में एक माह का सख्त लॉकडाउन लागू हो.
कौन हैं वो 15 जिलेनीति आयोग के मुताबिक, ये वो 15 जिले हैं कोरोना के मामले सर्वाधिक हैं या संक्रमण के मामले बढ़ने के आसार हैं
1.मुंबई (महाराष्ट्र)
2.दिल्ली
3.चेन्नई (तमिलनाडु)
4. अहमदाबाद (गुजरात)
5.थाणे (महाराष्ट्र)
6.पुणे (महाराष्ट्र)
7. इंदौर (मध्य प्रदेश)
8. कोलकता (प.बंगाल)
9. जयपुर (राजस्थान)
10. सूरत (गुजरात)
11. हैदराबाद (आंध्र प्रदेश)
12. औरंगाबाद (महाराष्ट्र)
13.जोधपुर (राजस्थान)
14. गुरुग्राम( हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर)
15 चेंगलपट्टु (तमिलनाडु)
आज की तारीख में दिल्ली में 400 कंटेनमेंट जोन, मुंबई में 750 और तमिलनाडु में 26 जिलों में 700 कंटेनमेंट जोन घोषित है. सर्वे में दूसरा सवाल ये किया गया कि जिन जिलों में एक सप्ताह में 500 से ज्यादा कोरोना केस सामने आ रहे हैं, क्या वहां भी लॉकडाउन लगना चाहिए? तो 22 फीसदी लोगों ने कहा कि सख्त लॉकडाउन जरूरी है. 58 फीसदी लोगों ने कहा कि कुछ रियायतों के साथ लॉकडाउन लगना चाहिए. इसमें फैक्ट्री, जरूरी समानों की दुकानें और कार्यालयों को छोड़ कर सब बंद कर देना चाहिए. 12 फीसदी लोगों ने कहा कि लॉकडाउन नहीं लगना चाहिए. 6 फीसदी लोगों ने कहा कि लॉकडाउन की जरूरत नहीं लेकिन नाइट कर्फ्यू रहना चाहिए.
https://www.linkedin.com/feed/news/4902756 अनलॉक 1 में साढे तीन लाख कोरोना मामले24 मार्च से 31 मई तक देश पूरी तरह लॉकडाउन रहा. एक जून से देश में अनलॉक-1 की शुरुआत हुई. अनलॉक-1 में भारत में साढे तीन लाख कोरोना वायरस के मामले सामने आए. इस दौरान कोरोना मरीजों को रिकवरी रेट 60.25 फीसदी रहा. देश अभी अनलॉक-2 में है और आज की तारीख में ढाई लाख से ज्यादा एक्टिव मामलों और 20 हजार से ज्यादा मौतों के साथ दुनिया का तीसरा सबसे प्रभावित देश है.
पहले स्थान पर अमेरिका जबकि दूसरे स्थान पर ब्राजील है. एक जुलाई से देश में अनलॉक- की शुरुआत हुई है जो इस माह के अंत तक रहेगा. इस दौरान कंटेनमेंट जोन सहित मेट्रो, जिम, बार, स्कूल और कॉलेज को छोड़ कर बाकी जगहों पर करीब करीब हर तरह की गतिविधियों की अनुमति दे दी गयी है. सर्वे की ये रिपोर्ट बताती है कि देश के बहुतायत नागरिक फिर से 15 खास जिलों में एक माह के सख्त लॉकडाउन के समर्थन में हैं.
Posted By: Utpal kant