लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों के ट्रेन एवं बसों से आवागमन को लेकर जारी अनिश्चितता पर गृह मंत्रालय ने राज्यों को निर्देश जारी किया है. गृह मंत्रालय ने मंगलवार को राज्यों से कहा कि ट्रेनों के आवागमन को लेकर प्रवासी मजदूरों के बीच सही जानकारी नहीं है. ऐसे में राज्यों को रेल मंत्रालय के साथ समन्वय स्थापित करते हुए मजदूरों के लिए और स्पेशल ट्रेनें चलाई जानी चाहिए. मंत्रालय ने कहा कि यातायात संबंधी भी अफवाहें भी प्रवासी मजदूरों की मुश्किलें बढ़ा रही हैं.
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मंत्रालय ने राज्यों से प्रवासी श्रमिकों को अपने घरों तक पहुंचाने के लिए ज्यादा ट्रेनों के संचालन की इजाजत देने को कहा है. राज्यों को जारी अपने निर्देश में एमएचए ने कहा कि ट्रेन और बसों के परिचालन पर स्पष्टता न होने और अफवाहों के चलते प्रवासी मजदूरों में असंतोष फैल रहा है. मंत्रालय ने कहा है, राज्य प्रवासी मजदूरों के लिए और स्पेशल ट्रेनें चलाने की मांग करें. इसके लिए उन्हें रेलवे के साथ समन्वय स्थापित करना चाहिए. मंत्रालय ने आगे कहा है कि ट्रेन और बसों के खुलने के समय पर और अधिक स्पष्टता होनी चाहिए.
Lack of clarity about running of trains, buses coupled with rumours is causing unrest amongst migrant workers: MHA to states
— Press Trust of India (@PTI_News) May 19, 2020
सोमवार को करीब 15 हजार प्रवासी मजदूर ट्रेन के पास के लिए गाजियाबाद के घंटाघर और कविनगर के रामलीला मैदान में उमड़ पड़े थे. हर कोई पास लेने के लिए कुछ भी करने का तैयार था. कई दिन से फंसे इन मजबूर मजदूरों को बिहार और पूर्वांचल जाने वाली ट्रेनों में भी टिकट नहीं मिलने का डर था. स्थानीय प्रशासन भी इतनी भीड़ के लिए तैयार नहीं था. लिहाजा दोनों जगह सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां तो उड़ी हीं, भूखे-प्यासे बच्चे और महिलाओं को भी आठ से दस घंटे तेज धूप और लू के थपेड़े झेलने पड़े. हालांकि बाद में कुछ ट्रेनों से करीब सात हजार मजदूरों को भाजा गया.
MHA issues revised Standard Operating Protocol on the movement of stranded workers by trains-States to share requirement for trains with Ministry of Railways;make suitable arrangements for sending/receiving people,train schedule,ticket booking info to be publicised by Railways
— ANI (@ANI) May 19, 2020
रेल मंत्री पीयूष गोयल कह चुके हैं कि रेलवे देश के किसी भी जिले से ट्रेन चलाने के लिए तैयार है. रेलवे का कहना है कि गत 15 मई की आधी रात तक उसकी ओर से 1074 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं और इन ट्रेनों के जरिए बीते 15 दिनों में 14 लाख से ज्यादा लोगों को उनके गंतव्य पर पहुंचाया जा चुका है. बता दें कि सरकार ने लॉकडाउन के दौरान देश अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को निकालने के लिए राज्यों को बसें चलाने की छूट दी है. राज्यों की मांग पर रेलवे प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष श्रमिक ट्रेनें चला रहा है.