जनवरी नहीं, नवंबर-दिसंबर में ही भारत पहुंचा था कोरोनावायरस, वैज्ञानिकों का है ये अनुमान

Coronavirus in india: भारत में भले ही कोरोना का पहला मामला जनवरी में सामने आया हो, लेकिन ये नवंबर या दिसंबर 2019 में ही भारत में पहुंच गया था. हैदराबाद स्थित 'सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी' (CCMB) के शोधकर्ताओं ने ये दावा किया है. बता दें कि भारत में कोरोना का पहला मामला 30 जनवरी को केरल में सामने आया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 4, 2020 11:43 AM

भारत में भले ही कोरोना का पहला मामला जनवरी में सामने आया हो, लेकिन ये नवंबर या दिसंबर 2019 में ही भारत में पहुंच गया था. हैदराबाद स्थित ‘सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी’ (CCMB) के शोधकर्ताओं ने ये दावा किया है. बता दें कि भारत में कोरोना का पहला मामला 30 जनवरी को केरल में सामने आया था.

देश के शीर्ष वैज्ञानिकों का कहना है कि चीन से जुड़े वायरस का प्रसार नवंबर महीने से ही शुरू हो गया था. इसे ‘मोस्ट रिसेंट कॉमन एनसेस्टर’ या ‘सबसे हाल का सामान्य पूर्वज’द्वारा पता लगाया गया है. देश के प्रमुख अनुसंधान संस्थानों के शीर्ष वैज्ञानिकों के मुताबिक, वुहान से निकला कोरोना वायरस का पूर्वज वायरस 11 दिसंबर, 2019 तक फैल रहा था.

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वैज्ञानिकों के अनुमान के मुताबिक, तेलंगाना और अन्य राज्यों में फैल रहे वायरस की उत्पत्ति 26 नवंबर और 25 दिसंबर के बीच हुई थी, इसकी औसत तारीख 11 दिसंबर है. लेकिन इस बात की अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है कि क्या 30 जनवरी से पहले चीन से यात्रा करने वालों से कोरोना वायरस ने भारत में दस्तक दी. क्योंकि उस दौरान देश में कोरोना की जांच बड़े पैमाने पर नहीं की जा रही थी.

टीओआई की खबर के मुताबिक, वैज्ञानिकों के अनुमान के मुताबिक, तेलंगाना और अन्य राज्यों में फैल रहे वायरस की उत्पत्ति 26 नवंबर और 25 दिसंबर के बीच हुई थी, इसकी औसत तारीख 11 दिसंबर है. लेकिन इस बात की अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है कि क्या 30 जनवरी से पहले चीन से यात्रा करने वालों से कोरोना वायरस ने भारत में दस्तक दी. क्योंकि उस दौरान देश में कोरोना की जांच बड़े पैमाने पर नहीं की जा रही थी.

हैदराबाद स्थित ‘सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी’ (CCMB) के शोधकर्ताओं समेत अन्य शोधकार्ताओं ने न केवल कोरोना वायरस की उम्र का अनुमान लगाया है, बल्कि उन्होंने वायरस की एक नई जाति का पता भी लगाया है, जो वर्तमान में मौजूद वायरस से अलग है. शोधकर्ताओं ने इस नए वायरस को क्लेड I/A3i नाम दिया है. बता दें कि क्लेड वायरस को एक सामान्य पूर्वज के सभी विकासवादी वंशजों को शामिल करने वाले जीवों के एक समूह के रूप में परिभाषित किया गया है.

वैज्ञानिकों ने भारत में खोजा कोरोना का एक और रूप

टीओआई ने CCMB के निदेशक डॉ राकेश के मिश्रा के हवाले से लिखा है कि भारत के केरल राज्य में सामने आया पहला मामला चीन के शहर वुहान से जुड़ा था. जहां से कोरोना वायरस का प्रसार पूरी दुनिया में हो गया. हालांकि, हैदराबाद में शोधकर्ताओं द्वारा खोजा गया नया क्लेड I/A3i वायरस चीन में पैदा नहीं हुआ. बल्कि ये दक्षिण-पूर्व एशिया में कहीं सामने आया है. हालांकि क्लेड की उत्पत्ति वाले सटीक देश के बारे में अभी तक कुछ पता नहीं चला है. तमिलनाडु, महाराष्ट्र, तेलंगाना, दिल्ली में बड़ी संख्या में इसी क्लेड के वायरस मिले हैं.

देश में कोरोना, एक दिन में सबसे ज्यादा उछाल

देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या रिकॉर्ड गति से आगे बढ़ रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, गुरुवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 9304 नए मामले सामने आए, जो अभी तक की सबसे बड़ी संख्या है. इसके साथ ही देशभर में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़कर 216919 हो गई है. वहीं, पिछले 24 घंटों के भीतर कोरोना वायरस के कारण 260 लोगों की मौत हुई है और मृतकों का आंकड़ा कुल 6075 हो गया है.

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