देहरादून : कोरोना वायरस की दवाा बनाने का दावा करने वाले बाबा रामदेव और पतंजलि समूह की मुश्किले कम होती नहीं दिख रही है. अब यह मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है. जिस पर आज सुनवाई होनी है. दरअसल, हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कि बाबा रामदेव ने बिना अनुमति के कोरोना दवा को लॉन्च कर दिया. यह गलत है.
लॉइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड हाईकोर्ट के वकील मनी कुमार ने एक जनहित याचिका दायर की है. मनी ने अपनी याचिका में कहा है कि बाबा रामदेव और पतंजलि समूह ने सरकार से बिना अनुमति लिए कोरोनिल दवा लॉन्च कर दी. लॉन्च के समय बाबा रामदेव ने दावा किया कि यह दवा कोरोना वायरस को खत्म कर देगा, जबकि इस दवा के लिए न तो आयुष मंत्रालय और ना ही आईसीएमआर से परमिशन लिया गया है.
याचिका में निम्स राजस्थान को भी पार्टी बनाया गया है, बाबा रामदेव ने निम्स में ही क्लिनिकल ट्रायल करने की बात कही थी. इस मामले की सुनवाई के हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश रंगनाथन और जस्टिस रमेशचंद्र खुल्बे की बैंच करेगी.
बयान से पलटा पतंजलि- इससे पहले, पतंजलि आयुर्वेद ने कोरोना वायरस के इलाज की दवा का ईजाद करने के दावे से पलटी मार ली है. उत्तराखंड आयुष विभाग के नोटिस के जवाब में पतंजलि ने कहा है कि उसने कोरोना की दवा नहीं बनाई है. उत्तराखंड आयुष विभाग की ओर से पतंजलि की दिव्य फार्मेसी को भेजे गए नोटिस पर आचार्य बालकृष्ण ने साफ किया है कि औषधि के लेबल पर किसी तरह का अवैध दावा नहीं किया गया है.
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राजस्थान और बिहार में मुकदमा- कोरोनील दवा का ईजाद करने वाली पतंजलि समूह और बाबा रामदेव पर जयपुर और बिहार में मुकदमा दर्ज काराया गया है. दोनों जगहों पर यह मुकदमा ठगी, प्रोपगेंडा और फर्जी प्रचार के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है.
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Posted By : Avinish Kumar Mishra