कोरोना का नया वैरिएंट ‘ओमीक्रोन’ तेजी से विश्व में फैल रहा है. हाई रिस्क पर जो देश है उनमें यूके, इजरायल, बांग्लादेश, हांगकांग, और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश शामिल हैं. ओमीक्रोन के बढ़ते खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को अलर्ट कर दिया है और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने को कहा है ताकि नये वैरिएंट का खतरा देश पर ना मंडराये.
दुनिया में सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका ओमीक्रोन वैरिएंट पाया गया. आज खबर आयी है कि दक्षिण अफ्रीका से दो युवक आस्ट्रेलिया गये थे, जिनमें ओमीक्रोन वैरिएंट पाया गया है. कोरोना वायरस के इस वैरिएंट को बहुत अधिक संक्रामक बताया जा रहा है. एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना का यह वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट से 30 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक है.
कोरोना वायरस के नये संक्रमण के आने के बाद ब्रिटेन ने कोरोना प्रोटोकॉल के पालन को अनिवार्य कर दिया है. ब्रिटेन ने यह आदेश जारी किया है कि मास्क पहनना अनिवार्य होगा और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के आगमन संबंधी नियमों को सख्त कर दिया है. जर्मनी और इटली में भी शनिवार को ओमीक्रोन स्वरूप से संक्रमण की पुष्टि हुई. बेल्जियम, हांगकांग और इजराइल पहुंचने वाले यात्रियों में भी वायरस के इस स्वरूप का संक्रमण मिला है.
अमेरिका में संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ डॉ.एंथनी फाउची ने कहा कि यह आश्चर्य की बात नहीं होगी, अगर अमेरिका में पहले से ही वायरस के इस स्वरूप की मौजूदगी का पता चले. उन्होंने एनबीएस टेलीविजन से कहा, हमें अभी तक इसका मामला नहीं मिला है, लेकिन यह आश्चर्य की बात नहीं है कि ओमीक्रोन वैरिएंट हमारे देश में पहले से ही फैल चुका है.
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ओमीक्रोन वैरिएंट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिंता जतायी है और बैठक में राज्यों को निर्देश दिया कि वे कोरोना प्रोटोकॉल का पालन ठीक से करवायें. आईसीएमआर के विशेषज्ञों की सलाह है कि चाहे आपने टीका लिया हो या नहीं मास्क जरूर पहनें. विशेषज्ञों का कहना है कि यह वैरिएंट चिंता की वजह है लेकिन अभी ज्यादा पैनिक होने की जरूरत नहीं है. हालांकि विदेश से आने यात्रियों की विशेष जांच होगी और उन्हें निगेटिव रिपोर्ट आने तक आइसोलेट रहना होगा.
गृह सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में ‘ओमीक्रोन’ स्वरूप के मद्देनजर वैश्विक स्थिति की समीक्षा की गई, बचाव उपायों को मजबूत करने पर चर्चा हुई. साथ ही सरकार अंतरराष्ट्रीय यात्रियों, विशेष रूप से ‘जोखिम’ श्रेणी के रूप में पहचाने गए देशों से आने वालों की जांच, निगरानी पर एसओपी की समीक्षा करेगी.