ओमिक्राॅन वैरिएंट से दो साल तक के बच्चों को खतरा ज्यादा, ऊपरी श्वसन तंत्र के ये लक्षण कर रहे हैं परेशान
ओमिक्राॅन वैरिएंट के लक्षण माइल्ड हैं और अभी तक इससे पीड़ित लोगों को अस्पताल में भरती करने और ऑक्सीजन बेड की जरूरत नहीं पड़ रही है.
ओमिक्राॅन वैरिएंट में डेल्टा की तुलना में ऊपरी श्वसन तंत्र से संबंधित लक्षण ज्यादा देखे जा रहे हैं, मसलन लगातार नाक बहना, नाक बंद होना. लगातार छींक आना, कफ होना इत्यादि. छोटे बच्चों खासकर दो साल तक के बच्चों को खतरा ज्यादा है. 11-12 साल के बच्चों में लक्षण अधिक दिखते हैं लेकिन उनमें जोखिम कम होता है. उक्त बातें दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल के डाॅ धीरेन गुप्ता ने कही.
ओमिक्राॅन वैरिएंट के लक्षण माइल्ड हैं और अभी तक इससे पीड़ित लोगों को अस्पताल में भरती करने और ऑक्सीजन बेड की जरूरत नहीं पड़ रही है. लेकिन ओमिक्राॅन वैरिएंट में सिरदर्द, बदन दर्द, भूख ना लगना जैसे लक्षण भी दिख रहे हैं.
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ओमिक्राॅन में सिरदर्द, बदन दर्द, भूख ना लगना जैसे लक्षण
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15 से 18 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू
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11-12 साल के बच्चों में लक्षण अधिक
Upper respiratory symptoms are observed more in patients of Omicron variant compared to Delta. In pediatric patients, younger than 2 yrs belong to high risk & patients of 11-12 yrs show more symptoms & are at less risk: Dr Dhiren Gupta, Sir Ganga Ram Hospital in Delhi pic.twitter.com/jRpjWXfdj6
— ANI (@ANI) January 9, 2022
मैक्स अस्पताल गुरुग्राम के डाॅक्टर आशुतोष शुक्ला ने कहा कि देश में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं लेकिन पैनिक होने की जरूरत नहीं हैं. ओमिक्राॅन के मामले माइल्ड हैं, मरीज एक सप्ताह में स्वस्थ हो जा रहे हैं, लेकिन मरीजों को खुद से दवा नहीं खानी चाहिए.
हालांकि ओमिक्राॅन वैरिएंट के लक्षण माइल्ड हैं, बावजूद इसके लापरवाही नहीं करनी चाहिए, क्योंकि बच्चों का टीकाकरण अभी पूर्ण नहीं हुआ है और वे हाई रिस्क पर बताये जा रहे हैं.
देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और ओमिक्राॅन संक्रमितों की संख्या भी बढ़कर 3623 हो गयी है. वहीं आज संक्रमितों की संख्या एक लाख 60 हजार के आसपास पहुंच गयी. देश में पाॅजिटिविटी रेट बढ़कर 10 प्रतिशत पर आ गया है.
कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर खतरा ज्यादा है, यही वजह है कि सरकार ने बच्चों का वैक्सीनेशन भी तीन जनवरी से शुरू कर दिया है. 15 से 18 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन देश में जारी है.
सरकार ने हेल्थ वर्कर और फंट लाइन वर्कर के साथ-साथ 60 साल से अधिक के लोगों को वैक्सीन का बूस्टर डोज देने का फैसला किया है और 10 जनवरी यानी कल से इसकी शुरुआत हो जायेगी.