कोरोना वैक्सीन के बूस्टर डोज पर कल सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की बैठक, ओमिक्रोन पर हुई समीक्षा बैठक
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने आज राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और उनसे आग्रह किया कि कोरोना वायरस के इलाज में इस्तेमाल किये जाने वाले आठ जरूरी दवाओं का स्टाॅक रखें,
कोरोना वायरस के नये वैरिएंट ओमिक्रोन के खतरे के बीच वैक्सीन के बूस्टर डोज को लेकर कल सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की बैठक होने वाली है. खबर है कि सीरम इंस्टीट्यूट ने डीसीजीआई से बूस्टर डोज के लिए अनुमति मांगी है क्योंकि देश पर कोरोना वायरस के नये वैरिएंट ओमिक्रोन का खतरा मंडरा रहा है.
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने आज राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और उनसे आग्रह किया कि कोरोना वायरस के इलाज में इस्तेमाल किये जाने वाले आठ जरूरी दवाओं का स्टाॅक रखें, ताकि अगर ओमिक्रोन का खतरा बढ़ता है तो मरीजों का इलाज संभव हो सके.
स्वास्थ्य सचिव ने उनसे यह आग्रह भी किया कि वे अस्पतालों को तैयार रखें ताकि ओमिक्रोन की वजह से अगर अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ें तो उन्हें किसी तरह की परेशानी ना हो और हर विपरीत परिस्थितियों से निपटा जा सके.
#Unite2FightCorona#OmicronVariant
➡️ Centre reviews Public Health Response to COVID-19 in the light of emergence of #Omicron and Progress of Vaccination with States/UT.https://t.co/h04SCYXnHP pic.twitter.com/o7YRESw0in
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) December 9, 2021
देश पर है ओमिक्रोन का खतरा
स्वास्थ्य सचिव ने यह बैठक देश पर ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे को देखते हुए आयोजित की है. ओमिक्रोन के बारे में यह कहा जा रहा है कि यह वैरिएंट बहुत ही संक्रामक है. स्वास्थ्य सचिव ने स्वास्थ्य सचिवों और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशकों से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये बात की. राजेश भूषण से सभी आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाओं का इंतजाम करने की सलाह उन्हें दी है, जिनमें वेंटिंलेटर, पीएसए प्लांट और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर शामिल हैं.
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स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि राज्यों को सूचित किया गया था कि केंद्र द्वारा उपलब्ध कराये गये कई वेंटिलेटर अभी भी कुछ अस्पतालों में बिना पैक तोड़े पड़े हैं. उनका सही उपयोग हो इस बात का ख्याल भी रखा जाना चाहिए. साथ ही ठंड की वजह से जो बीमारियां होती हैं उनपर भी नजर रखने की जरूरत है. बैठक में हाई रिस्क वाले देशों से आने वाले लोगों पर खास निगरानी रखने और उनके लक्षणों पर भी बात की गयी.