Lockdown News : भारत में लॉकडाउन लगाने की होगी जरूरत ? जानें विशेषज्ञों की राय
Lockdown News in India : यह पूछने पर कि क्या आगामी दिनों में लॉकडाउन की आवश्यकता है, डॉ. गुलेरिया ने कहा कि कोविड के गंभीर मामले बढ़ने और मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की संभावना नहीं है. जानें अन्य विशेषज्ञों ने लॉकडाउन को लेकर क्या कहा
Lockdown News in India : दुनिया के कई देशों में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है. इन देशों में कई प्रतिबंध लगाये गये हैं. इस खबर के बाद अब भारत के लोगों के मन में आशंका पैदा हो गयी है कि क्या यहां भी लॉकडाउन लगाने पर सरकार विचार करेगी ? तो आइए जानते हैं इसपर क्या है विशेषज्ञों की राय ? विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में कोरोना संक्रमण के मौजूदा परिदृश्य को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगाने या लॉकडाउन लागू करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन कुछ देशों में मामले बढ़ने के मद्देनजर निगरानी और सतर्कता मजबूत करना अनिवार्य है.
विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि कोविड-19 यानी कोरोना के गंभीर मामले आने और मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की आशंका नहीं है, क्योंकि भारत में लोगों में ‘हाइब्रिड प्रतिरक्षा’ विकसित हो चुकी है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कुल मिलाकर कोविड के मामलों में वृद्धि नहीं हुई है और भारत अभी ठीक स्थिति में है. मौजूदा परिस्थितियों में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगाने या लॉकडाउन लागू करने की कोई आवश्यकता है.
लॉकडाउन की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि पहले के अनुभव दिखाते हैं कि संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए उड़ानों पर पाबंदी लगाना प्रभावी नहीं है. उन्होंने कहा कि आंकड़े दिखाते हैं कि चीन में संक्रमण के तेजी से फैलने के लिए जिम्मेदार ओमीक्रोन का बीएफ.7 उपस्वरूप हमारे देश में पहले ही पाया जा चुका है.’’ यह पूछने पर कि क्या आगामी दिनों में लॉकडाउन की आवश्यकता है, डॉ. गुलेरिया ने कहा कि कोविड के गंभीर मामले बढ़ने और मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की संभावना नहीं है, क्योंकि वैक्सीनेशन की अच्छी दर और प्राकृतिक रूप से संक्रमण होने के कारण भारतीयों में हाइब्रिड प्रतिरक्षा (हाइब्रिड इम्युनिटी) पहले ही विकसित हो चुकी है. उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए और लोगों के बीच हाइब्रिड प्रतिरक्षा की अच्छी-खासी दर होने के कारण लॉकडाउन की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है.
अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता
सफदरजंग हॉस्पिटल में फेफड़े और गहन देखभाल विभाग के प्रोफेसर डॉ. नीरज गुप्ता ने कहा कि भारत को चीन तथा कुछ अन्य देशों में कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि को देखते हुए अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है, लेकिन ‘‘भारत के मौजूद परिदृश्य को देखते हुए निकट भविष्य में लॉकडाउन जैसी स्थिति की परिकल्पना नहीं की गयी है. उन्होंने कहा कि ‘हाइब्रिड प्रतिरक्षा’ किसी व्यक्ति को भविष्य में होने वाले संक्रमण के खिलाफ अधिक सुरक्षित बनाती है. डॉ. गुप्ता ने यह भी कहा कि चीन अभी अधिक कमजोर स्थिति में है, जिसकी वजह कम प्राकृतिक प्रतिरक्षा, खराब वैक्सीनेशन रणनीति हो सकती है, जिसमें बूढ़े और कमजोर आबादी के मुकाबले युवा और स्वस्थ लोगों को तरजीह दी गयी. साथ ही चीनी वैक्सीन को संक्रमण से बचाव में कम प्रभावी भी पाया गया है.
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जीनोम सीक्वेंसिंग की प्रक्रिया तेज
वैक्सीनेशन पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के अध्यक्ष डॉ. एन के अरोड़ा ने कहा कि भारत में कोविड की मौजूदा स्थिति नियंत्रण में है और घबराने की कोई बात नहीं है. बहरहाल, उन्होंने कहा कि लोगों को कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाना चाहिए और टीके की एहतियाती खुराक लेनी चाहिए. जापान, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, फ्रांस और चीन में मामले बढ़ने के बीच भारत ने निगरानी और कोविड संक्रमित नमूनों के जीनोम सीक्वेंसिंग की प्रक्रिया को तेज कर दिया है. भारत की 97 प्रतिशत पात्र आबादी ने कोविड-19 रोधी वैक्सीन की पहली खुराक, जबकि 90 प्रतिशत ने दूसरी खुराक ले ली है. केवल 27 प्रतिशत आबादी ने एहतियाती खुराक हासिल की है.