WHO की चेतावनी: 5 से 14 साल के बच्चों में ओमिक्रॉन वेरिएंट का खतरा अधिक, भारत में आएगी तीसरी लहर
Coronavirus Omicron Variants: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी देते हुए कहा है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट से 5 से 14 साल की उम्र के बच्चों में ज्यादा खतरा है. डब्ल्यूएचओ ने कहा है इस उम्र के बच्चों में वायरस ज्यादा फैल रहा है.
Coronavirus Omicron Variants: कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर जहां एक ओर पूरी दुनिया में दहशत है. तो वहीं, वेरिएंट को लेकर डब्ल्यूएचओ ने एक नया खुलासा किया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी देते हुए कहा है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट से 5 से 14 साल की उम्र के बच्चों में ज्यादा खतरा है. डब्ल्यूएचओ ने कहा है इस उम्र के बच्चों में वायरस ज्यादा फैल रहा है.
डब्ल्यूएचओ यूरोप के क्षेत्रीय निदेशक डॉ हैंस क्लूज ने कहा है कि कोरोना वैक्सीनेशन (Covid 19 Vaccination) के कारण पिछले पीक की तुलना में मौत के आंकड़े में कमी तो आयी है. लेकिन मध्य एशिया के 53 देशों में कोरोना से मौत के मामलों में इन दिनों खासा इजाफा हुआ है. मौत की संख्या करीब-करीब दोगुनी हो गई है. उन्होंने बताया कि ओमिक्रॉन वेरिएंट के 21 देशों में 432 मामले अब तक सामने आ चुके हैं.
डॉ. हैंस क्लूज ने चिंता जताते हुए कहा हाल के दिनों में जो आंकड़े सामने आये है उससे जाहिर होता है कि यूरोप के कुछ देशों बच्चों में संक्रमण के मामले बढ़े हैं. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि उनमें वायरस के गंभीर लक्षण अभी नहीं देखने को मिले है. जैसा की बुजुर्गों और कम इम्युनिटी वाले लोगों में देखने को मिले हैं. क्लूज ने कहा है कि बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए स्कूलों को विशेष एहतियात बरतनी होगी.
गौरतलब है कि कोरोना के डेल्टा वेरिएंट का असर अभी थमा नहीं हैं. दुनिया के कई देशों में अभी भी डेल्टा वेरिएंट तबाही मचा ही रहा है. ऐसे में ओमिक्रॉन वेरिएंट का तेजी से फैलना बड़ी तबाही का कारण बन सकता है. क्योंकि ओमिक्रॉन वेरिएंट का कम्युनिटी स्प्रेड शुरु हो गया है. ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री ने खुद इसकी पुष्टि की है.
वहीं, डब्ल्यूएचओ की नयी जानकारी भारत के लिए भी खतरे का संदेश है. कोरोना की दूसरी लहर में भारत में भी डेल्टा वेरिएंट ने जमकर तबाही मचाई थी. ओमिक्रॉन के अब तक 23 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. ऐसे में अगर देश में ओमिक्रॉन वेरिएंट का भी कम्युनिटी स्प्रेड शुरू हो जाता है तो देश कोरोना की तीसरी लहर से जूझने के लिए मजबूर होता. साथ ही बच्चों के लिए यह बड़े आफत से कम नहीं होगा.
Posted by: Pritish Sahay