POLL Result: 9 बजे, 9 मिनट पीएम मोदी के दीया मंत्र के कितने हैं खिलाफ और कितने सपोर्ट में, यहां जानिए
Coronavirus Outbreak In India, dispel darkness: कोरोना संकट के बीच पीएम मोदी ने देशवासियों से एक वीडियो संदेश के जरिए अपील किया था कि सभी 5 अप्रैल यानी आज रात 9 बजे 9 मिनट के लिए घर की सभी लाइटें बंद कर, दरवाजे या बालकनी में मोमबत्ती (Candle) या दीया जलाएं. या नहीं हो तो टॉर्च, मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाएं. इस पोल में 28 हजार से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया. आइए जानते हैं कि कितने लोग पीएम मोदी के इस आह्वान के साथ हैं और कितने खिलाफ में...
Coronavirus News, 5 April 2020: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने अपने वीडियो संदेश के जरिए देशवासियों से अपील की थी कि वे 5 अप्रैल को रात 9 बजे 9 मिनट के लिए अपने घर की लाइट बुझा कर (dispel darkness) अपनी बालकनी या दरवाजे पर दीये या मोमबत्ती जलाएं. न हो तो टॉर्च या मोबाइल के फ्लैश ON करें. पीएम मोदी के इस आह्वान को सोशल मीडिया पर जहां खूब समर्थन मिला तो वहीं तमाम विरोधी भी सामने आए. प्रभात खबर ने भी जनता का मन टटोलने के लिए एक ONLINE POLL आयोजित किया था. दो दिन के लिए वोटिंग जारी रखा गया और इसमें कुल 28016 वोट आए. आइए इस पोल परिणाम से जानते हैं कि कितने प्रतिशत लोग पीएम मोदी के साथ हैं और कितनों को ये कदम सही नहीं लगता…
Also Read: Coronavirus: इस एक्ट्रेस की सोसायटी में मिला Corona Positive, अपार्टमेंट सीलक्या था सवाल: 5 अप्रैल रात 9 बजे, 9 मिनट के लिए क्या आप बंद करेंगे घर की सभी लाइट और जलाएंगे दीये या मोमबत्ती?
जवाब कुछ ऐसे मिले: डिजिटल वोटिंग के दौरान 85% यानी 23,813 लोगों ने कहा हां हम पीएम मोदी के रात 9 बजे 9 मिनट बत्ती बुझाओ दीया जलाओ के आह्वान के साथ हैं. इसके अलावा समर्थन करने वाले 7 प्रतिशत यानी 1,961 लोग ऐसे भी थे जिन्होंने कहा कि हां, करेंगे लेकिन इसका मतलब नहीं समझ आया. यानी वो ऐसे लोग हैं जिन्हें इसका फायदा नुकसान भले ही समझ न आया हो लेकिन चूंकि प्रधानमंत्री ने आह्वान किया है इसलिए वे भी आज रात अपनी बालकनी में ऐसा करेंगे. यानी कुल 92 प्रतिशत लोग पीएम मोदी के आह्वान के साथ हैं.
इसके अलावा पीएम मोदी के आह्वान के विरोध में रहने वाले कुल 8 प्रतिशत लोग हैं. इनमें 6 प्रतिशत 1,681 लोगों ने कहा कि नहीं ये बेवजह का काम है. जबकि 2 प्रतिशत यानी 560 लोगों ने कहा कि वो पीएम मोदी के इस कदम को सही नहीं मानते और वे विरोध करेंगे.