कोरोना से पूरी दुनिया डरी हुई है. लेकिन भारत में इस पर बहुत हद तक नियंत्रण है. बावजूद इसके खतरे और गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश से रूबरू हुए और बड़े बेबाक अंदाज में कोरोना से लड़ने के लिए देश को तैयार किया. इसके लिए संकल्प और संयम के दो ब्रह्मास्त्र दिए. और सबसे बड़ी बात कही- जनता कर्फ्यू. पीएम मोदी ने कोरोना पर जिस संजीदगी और सहयोग की भावना से देशवासियों से दिल की बात की, वो बताता है कि समस्या कितनी बड़ी और गंभीर है. इस समस्या के समाधान की तरफ प्रधानमंत्री मोदी ने एक कदम बढ़ाया जनता कर्फ्यू के रूप में.
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पीएम मोदी ने कहा कि जनता कर्फ्यू यानी जनता के लिए, जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू होगा. इस रविवार (22 मार्च) की सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक सभी देशवासियों को जनता-कर्फ्यू का पालन करना है. 22 मार्च को हमारा ये प्रयास हमारे आत्मसंयम और देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक प्रतीक होगा. ये क्या है और आम जनता इसे कैसे लागू करेगी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके बारे में भी बताया.
पीएम मोदी के मुताबिक, 22 मार्च को सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक कोई व्यक्ति बाहर न निकले. अपने आप से कर्फ्यू जैसे हालात करने हैं. उन्होंने अपील की कि संभव हो तो हर व्यक्ति प्रतिदिन कम से कम 10 लोगों को फोन करके कोरोना वायरस से बचाव के उपायों के साथ ही जनता-कर्फ्यू के बारे में भी बताए. पीएम ने अपील की कि रविवार को ठीक 5 बजे हम अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर 5 मिनट तक ऐसे लोगों का धन्यवाद ज्ञापन करें करें जो कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं.
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प्रधानमंत्री के मुताबिक, ये जनता कर्फ्यू कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए भारत कितना तैयार है, ये देखने और परखने का भी समय है. उन्होंने कहा कि ये जनता कर्फ्यू एक प्रकार से भारत के लिए एक कसौटी की तरह होगा. प्रधानमंत्री के मुताबिक, 22 मार्च को हमारा ये प्रयास हमारे आत्म-संयम, देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक प्रतीक होगा. 22 मार्च को जनता-कर्फ्यू की सफलता, इसके अनुभव, हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे.
पीएम ने कहा कि ये संकट ऐसा है, जिसने विश्व भर में पूरी मानवजाति को संकट में डाल दिया है. उन्होंने कहा कि 130 करोड़ नागरिकों ने कोरोना वैश्विक महामारी का डटकर मुकाबला किया है, आवश्यक सावधानियां बरती हैं. लेकिन, बीते कुछ दिनों से ऐसा भी लग रहा है जैसे हम संकट से बचे हुए हैं, सब कुछ ठीक है. वैश्विक महामारी कोरोना से निश्चिंत हो जाने की ये सोच सही नहीं है. पीएम ने लोगों से अपील की कि वे जनता कर्फ्यू लगाएं और इसे सफल करें.
प्रधानमंत्री ने कहा,आज की पीढ़ी इससे बहुत परिचित नहीं होगी लेकिन पुराने समय में जब युद्ध की स्थिति होती थी तो गांव-गांव में ब्लैक आउट किया जाता था. घरों के शीशों पर कागज लगाया जाता था, लाईट बंद कर दी जाती थी, लोग चौकी बनाकर पहरा देते थे.