नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिये संयुक्त रणनीति अपनाने की वकालत करते हुए रविवार को दक्षेस में कोविड-19 आपात कोष सृजित करने का प्रस्ताव किया और कहा कि भारत इस कोष के लिये 1 करोड़ डॉलर की प्रारंभिक पेशकश से शुरुआत कर सकता है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम साथ मिलकर इससे बेहतर ढंग से निपट सकते हैं, दूर जाकर नहीं. वहीं, दक्षेस देशों के साथ कोरोना वायरस पर संवाद के दौरान पाकिस्तान ने कश्मीर का मुद्दा उठा दिया. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के स्वास्थ्य मामलों पर विशेष सहायक जफर मिर्जा ने कहा कि कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिये जम्मू कश्मीर में सभी तरह की पाबंदी को हटा लेना चाहिए.
पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने कोरोना वायरस से निपटने के लिये चीन के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि दक्षेस देश उन सर्वश्रेष्ठ पहलों को अपना सकते हैं. बहरहाल, प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये दक्षेस देशों के नेताओं और प्रतिनिधियों के साथ चर्चा के दौरान आपसी सहयोग पर जोर देते हुए कहा, हमने वायरस के संभावित वाहक की बेहतर ढंग से पहचान करने के लिये रोग निगरानी पोर्टल बनाया है, दक्षेस देशों के साथ रोग निगरानी साफ्टवेयर साझा कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि भारत में हम डाक्टरों, विशेषज्ञों के त्वरित प्रतिक्रिया दल और जांच संबंधी किट को जोड़ रहे हैं, वे तैनाती के लिये तैयार रहेंगे. उधर, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने कोरोना वायरस से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए दक्षेस मंत्रिस्तरीय समूह के गठन का प्रस्ताव किया.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कारण अब तक दुनियाभर में 5000 से अधिक लोगों की मौत हुई है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, दक्षेस क्षेत्र में कोरोना वायरस से संक्रमण के लगभग 150 मामले आए हैं, लेकिन हमें सतर्क रहने की जरूरत है. तैयार रहें लेकिन घबराएं नहीं..यही हमारा मंत्र है. उन्होंने दक्षेस देशों के नेताओं से कहा कि हमने कोरोना वायरस के फैलने के मद्देनजर मध्य जनवरी से ही भारत में प्रवेश करने वाले लोगों की जांच का काम शुरू किया था और धीरे-धीरे यात्रा पाबंदी को बढ़ाया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड-19 पर कहा, एक-एक करके उठाये गए हमारे कदमों से अफरा-तफरी से बचने में मदद मिली, संवेदनशील समूहों तक पहुंचने के लिये विशेष कदम उठाये. उन्होंने कहा कि भारत ने विदेशों में अपने लोगों की आवाज पर प्रतिक्रिया दी और विभिन्न देशों से करीब 1400 लोगों को बाहर निकाला. मोदी ने कहा कि भारत ने कोरोना वायरस प्रभावित देशों से अपने पड़ोसी देशों के कुछ नागरिकों को भी बाहर निकालने में मदद की.
मोदी ने शुक्रवार को कोरोना वायरस से निपटने के लिये दक्षेस देशों को संयुक्त रणनीति बनाने का सुझाव देते हुए कहा था कि दक्षेस देश उदाहरण पेश करें. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाद में मोदी के अलावा श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली, भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य ममलों पर विशेष सहायक जफर मिर्जा शामिल हुए.
मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह ने कोविड-19 के खतरे से निपटने के लिए समन्वित पहल पर जोर देते हुए कहा कि कोई भी देश इस हालात से अकेले नहीं निपट सकता. सोलिह ने कोविड-19 की चुनौती से निपटने के वास्ते क्षेत्रीय पहल करने और कोविड – 19 आपात कोष स्थापित करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुझाव का स्वागत किया.
नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने कोरोना वायरस से निपटने के लिये दक्षेस देशों के बीच सामूहिक प्रयास की जरूरत बताई. उन्होंने कहा कि हमारा सामूहिक प्रयास कोरोना वायरस से निपटने में दक्षेस क्षेत्र में ठोस रणनीति तैयार करने में मदद करेगा भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिये हम सभी एकसाथ आयें.
बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने बताया, हमने सभी जिलों के अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों के लिए स्पेशल बेड लगाए हैं. हमारे पास काफी टेस्टिंग किट, इन्फ्रारेड थर्मामीटर आदि हैं. उन्होंने पीएम मोदी का मदद के लिए शुक्रिया किया कहा, वुहान से हमारे 23 छात्रों को निकालने के लिए भी धन्यवाद.
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने पीएम मोदी का इस विडियो कॉन्फ्रेंसिंग का आयोजन करने के लिए शुक्रिया किया. उन्होंने कहा, हमारी बड़ी चुनौती है कि इस वायरस को श्रीलंका में फैलने से कैसे रोका जाए. श्रीलंका वापस आने वालों 14 दिनों की निगरानी में रखा जा रहा है. हमने यूनिवर्सिटीज और शिक्षण संस्थानों को भी बंद किया है.
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने प्रधानमंत्री मोदी के सुझाव का स्वागत करते हुए देशों से कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति पर नजर रखने को कहा. गनी ने कोरोना वायरस की समस्या से निपटने के लिए टेली-मेडिसिन का एक साझा नेटवर्क बनाने का प्रस्ताव दिया.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के स्वास्थ्य मामलों पर विशेष सहायक जफर मिर्जा ने कहा कि कोरोना वायरस फैलने के मद्देनजर उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिये कोई भी देश मुंह नहीं मोड़ सकता है. उन्होंने कहा कि हमारा सामूहिक प्रयास कोरोना वायरस से निपटने में दक्षेस क्षेत्र में ठोस रणनीति तैयार करने में मदद करेगा.