Lockdown पर मोदी सरकार की क्या होगी रणनीति, जानिए, बढ़ा तो फिर कैसा होगा स्वरूप?

कोरोना वायरस (Covid-19) तेजी से देश में बढ़ता जा रहा है. लॉकडाउन खत्म होने से एक दिन पहले आए स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी तक कोरोना के 9,152 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं. अब लॉकडाउन बढने के संकेत मिल रहे हैं. इसके लिए कई राज्यों और विशेषज्ञों ने केंद्र सरकार से आग्रह किया.

By Utpal Kant | April 13, 2020 2:43 PM

कोरोना वायरस तेजी से देश में बढ़ता जा रहा है. कोरोना वायरस तेजी से देश में बढ़ता जा रहा है. भारत में 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन रहेगा या नहीं ये मंगलवार को साफ हो जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार सुबह 10 बजे देश को संबोधित करेंगे. मौजूदा हालात को देखते हुए इस बात की संभावना है कि कुछ शर्तों के साथ वो लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढाने का ऐलान करेंगे.

लॉकडाउन खत्म होने से एक दिन पहले आए स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी तक कोरोना के 9,152 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं. अब लॉकडाउन बढने के संकेत मिल रहे हैं. इसके लिए कई राज्यों और विशेषज्ञों ने केंद्र सरकार से आग्रह किया. उड़ीसा, पंजाब , पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों की सरकार ने 30 अप्रैल तक लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है.

सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि आगे क्या होगा. क्या देश भर में लॉकडाउन रहेगा. और अगर 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन बना रहता है तो कितने दिनों तक रहेगा. इसका क्या स्वरूप होगा. किस तरह से लागू किया जाएगा.क्योंकि, देश को कोरोना से भी बचाना है और अर्थव्यवस्था के पहिये को भी चलाना है. संकेतों की भाषा समझें तो लॉकडाउन पर फैसला हो चुका है. सिर्फ ऐलान बाकी है और इसी ऐलान में अगले लॉकडाउन के रणनीति की संपूर्ण जानकारी मिल जाएगी.

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लॉकडाउन हटाने के लिए कई चरण में काम

लॉकडाउन हटाने के लिए कई चरणों में काम शुरू हो गया है. इसके लिए देश को तीन जोन में बांटे जाने की कवायद शुरू की जा रही है. इसके तहत ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोन बनाए जा रहे हैं. लॉकडाउन को इन्हीं जोन के हिसाब से लागू किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की चार घंटे की मैराथन बैठक में चाहे लॉकडाउन दो हफ्ते बढ़ाने पर सहमति बनी हो, लेकिन यह भी आम राय है कि इसे धीरे-धीरे हटाया जाए. पीएम ने ‘जान भी, जहान भी’ की बात कहकर साफ कर दिया है कि वे कोरोना से लोगों की जान बचाने के साथ ही उनकी आजीविका और अर्थव्यवस्था को भी बचाना चाह रहे हैं. अब चरणबद्ध ढंग से एक-एक कर कदम बढ़ाया जाएगा.

क्या होगा जोन का हिसाब

रेड जोनः ये वो इलाका या जिले हो सकते हैं, जहां ज्यादा मामले हैं. इसे पूरी तरह से लॉक डाउन रखा जाएगा. इसमें लोगों को घरों में ही रहना होगा.

येलो जोनः इसमें वो इलाके आएंगे, जहां कोरोना के मामले बेहद कम होंगे. यहां सोशल डिस्टेंस को अपनाने पर लोगों को घर से निकलने और काम करने की इजाजत मिल सकती है. खेती के काम येलो जाने में रखे जाए सकते हैं.

ग्रीन जोनः इसमें वो इलाके आएंगे, जहां कोरोना संक्रमण के मामले नहीं हैं. इन जगहों पर आर्थिक गतिविधि को इजाजत मिलेगी. जिससे देश की अर्थव्यवस्था का पहीया चलता रहेगा.सूत्रों के मुताबिक इस वर्गीकरण के अनुसार ही गतिविधियों की अनुमति होगी. मुख्यमंत्री राज्यों के बीच यातायात शुरू करने के पक्ष में नहीं हैं.

विशेषज्ञों से ली गई सलाह

9 और 10 अप्रैल को पीएम मोदी ने अपने सशक्त समितियों के प्रमुख सलाहकारों के साथ लगभग छह घंटे बातचीत की और विशेषज्ञों ने लॉकडाउन को लेकर अपनी सलाह रखी. विशेषज्ञों से ली गई सलाह जिसमें लॉकडाउन बढ़ने पर जीवन और आजीविका बचाने में संतुलन बना रहें इसके लिए सरकार की क्या रणनीति होनी चाहिए उस पर विचार किया गया. जान भी और जान भी को सार्थक कैसे किया जाए इस पर चर्चा हुई. पीएम मोदी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक भी की थी.

पीएम मोदी ने दिए थे लॉकडाउन बढ़ाने के संकेत

मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि “जान है तो जहान है.. जब मैंने राष्ट्र के नाम संदेश दिया था, तो शुरुआत में इस पर ज़ोर दिया था कि हर नागरिक की जान बचाने के लिए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बहुत ज़रूरी है. देश के ज़्यादातर लोगों ने इस बात को समझा और घरों में रहकर दायित्व निभाया. अब भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए, समृद्ध और स्वस्थ भारत के लिए जान भी जहान भी, दोनों पहलुओं पर ध्यान देना ज़रूरी है. जब देश का प्रत्येक व्यक्ति जान भी और जहान भी, दोनों की चिंता करते हुए अपने दायित्व निभाएगा, सरकार और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करेगा, तो कोरोना के ख़िलाफ़ हमारी लड़ाई और मज़बूत होगी.”

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