Coronavirus In India: लॉकडाउन के 30 दिन! कोरोना पर भारत की पकड़ मजबूत, जानिए अमेरिका की तुलना में कैसे हैं हम
कोरोना वायरस (Coronavirus Pandemic) के खिलाफ देश में लगाये लॉकडाउन का आज 30 दिन (30 days of lockdown) पूरा हो गया. इस दौरान महामारी (Coronavirus ) का प्रकोप बढ़ने की गति स्थिर बनी हुई है. हम लगभग उसी जगह पर हैं जहां हम एक महीने पहले थे, मतलब स्थिति अभी बहुत बिगड़ी नहीं है. एक महीने पहले जो लोग टेस्ट हो रहे थे उनका लगभग 4 से 4.5 प्रतिशत पॉजिटिव निकले थे और अभी भी लगभग यही स्थिति है. अमेरिका में 5 लाख टेस्ट पर 88 हजार कोरोना के मामले थे, जबकि भारत ने जब 5 लाख टेस्ट पूरे कर लिये हैं, तो कोरोना के 20 हजार केस हैं.
नयी दिल्ली : कोरोना संकट से निपटने के लिये लागू किये गये देशव्यापी बंद (लॉकडाउन) के दौरान संक्रमण फैलने की गति को स्थिर रखने में मिली कामयाबी को सरकार ने अहम उपलब्धि करार दिया. देश में लागू बंद को बृहस्पतिवार को 30 दिन पूरे हो गए.
कोरोना संकट से निपटने के लिये सरकार द्वारा गठित वरिष्ठ अधिकारियों के समूह की अध्यक्षता कर रहे पर्यावरण सचिव सी के मिश्रा ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पिछले एक महीने में कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने की गति और संक्रमित मरीजों की संख्या में वृद्धि की गति में निरंतर गिरावट आ रही है.
इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि महामारी का प्रकोप बढ़ने की गति स्थिर बनी हुई है. हम लगभग उसी जगह पर हैं जहां हम एक महीने पहले थे, मतलब स्थिति अभी बहुत बिगड़ी नहीं है. एक महीने पहले जो लोग टेस्ट हो रहे थे उनका लगभग 4 से 4.5 प्रतिशत पॉजिटिव निकले थे और अभी भी लगभग यही स्थिति है.
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस की महामारी के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर देश में 22 मार्च को ‘जनता कर्फ्यू’ पर अमल के बाद केंद्र सरकार ने 25 मार्च से 21 दिन का देशव्यापी लॉकडाउन घोषित किया था. बाद में इसकी अवधि को तीन मई तक के लिये बढ़ाया गया है.
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मिश्रा ने लॉकडाउन की अवधि में इस महामारी को रोकने के लिये किये गये उपायों और इनसे हुवे लाभ का ब्योरा देते हुये बताया कि 23 मार्च तक किये गये कुल परीक्षण में 4.5 प्रतिशत संक्रमित मरीज थे और 22 अप्रैल को भी कुल परीक्षण में संक्रमित मरीजों की हिस्सेदारी 4.5 प्रतिशत ही है.
उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट है कि देश में वायरस के संक्रमण की प्रसार दर स्थिर बनी है. उन्होंने बताया कि 23 अप्रैल तक देश में कोरोना वायरस के कुल 14915 परीक्षण किये गये थे, और 22 अप्रैल को यह संख्या पांच लाख को पार कर गयी है. मिश्रा ने कहा कि लॉकडाउन लागू होने के बाद परीक्षण में 33 गुना और संक्रमित मरीजों की संख्या में 16 गुना की वृद्धि हुई है. हालांकि हमें ये पता है कि ये काफी नहीं है और हमें लगातार आगे बढ़ना है और देश में टेस्टिंग को बढ़ाना है. उन्होंने बताया, अमेरिका में 5 लाख टेस्ट पर 88 हजार कोरोना के केस था, जबकि भारत ने जब 5 लाख टेस्ट पूरे कर लिये हैं, तब यहां कोरोना के 20 हजार केस हैं.
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उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट है कि अमेरिका, इटली, ब्रिटेन सहित अन्य विकसित देशों की तुलना में भारत में संक्रमण की वर्तमान स्थिति संतोषजनक है. मिश्रा ने इसे लॉकडाउन के लिहाज से अहम उपलब्धि बताते हुए कहा, इन 30 दिनों में हम वायरस को फैलने से रोकने और इसके संक्रमण के खतरे को न्यूनतम करने में कामयाब रहे. अभी हमारे पास 3,773 ऐसे अस्पताल हैं जिन्हें COVID19 के लिए चिन्हित किया है. कुल आइसोलेशन बैड 1,94,000 हैं. हमारी कोशिश है कि इसे हर दिन बढ़ाया जाए.
मिश्रा ने कहा कि महामारी के बढ़ने के खतरे से निपटने के लिये पिछले एक महीने में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और इलाज की खोज सहित अन्य मोर्चों पर महत्वपूर्ण कार्य किये गये. उन्होंने बताया कि इसके तहत पिछले एक महीने में कोविड-19 के लिए निर्धारित अस्पतालों की संख्या 3.5 गुना बढ़ी, जबकि पृथक बिस्तरों की संख्या में 3.6 गुना वृद्धि हुई है. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के 1229 नये मामले सामने आये. इसके साथ ही संक्रमित मामलों की कुल संख्या 21,700 हो गयी है. अग्रवाल ने कहा कि कोविड-19 से संक्रमित 4325 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं.
इसके साथ ही स्वस्थ होने वाले मरीजों का प्रतिशत भी बढ़कर अब 19.89 फीसदी हो गया है. संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने कोरोना के खिलाफ देशव्यापी अभियान में अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं के रूप में कार्यरत चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए सख्त कानूनी प्रावधानों वाला अध्यादेश जारी करने के लिये चिकित्सकों की ओर से सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया.
डा. गुलेरिया ने संक्रमण के लक्षण उभरने के बाद भी संक्रमण की जांच के लिये मरीजों के देर से अस्पताल पहुंचने पर चिंता व्यक्त करते हुये देशवासियों से संक्रमण से बचने और दूसरों को बचाने के लिये अस्पताल तक पहुंचने में तत्परता दिखाने का आह्वान किया। इस दौरान भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के निदेशक डा. बलराम भार्गव ने कहा कि पिछले एक महीने में संक्रमण की पहचान के लिये देश में परीक्षण का दायरा तेजी से बढ़ा है। उन्होंने बताया कि देश में सरकारी और निजी क्षेत्र की कुल 325 प्रयोगशालायें कार्यरत है.