Corona Vaccine Trial नयी दिल्ली : कोरोनावायरस (Coronavirus Pandemic) के स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) का ट्रायल अब अंतिम चरण में पहुंचने वाला है. भारत बायोटेक (Bharat Biotech) को इस वैक्सीन (Corona Vaccine) के फेज 3 के ट्रायल की अनुमति मिल गयी है. ड्रग रेगुलेटर (DCGI) ने इसकी अनुमति दे दी है. मंगलवार को हुई डीसीजीआई की बैठक में वैक्सीन के तीसरे फेज के ट्रायल की अनुमति दी गयी. हालांकि ट्रायल में थोड़ा बदलाव किया गया है. दिल्ली के साथ-साथ कई और राज्यों में इस वैक्सीन का ट्रायल हो सकता है.
बता दें कि भारत में कोविड-19 के टीके को विकसित करने का काम भारत बायोटेक कर रही है. आईसीएमआर (Indian Council of Medical Research) भी इसमें कंपनी की मदद कर रहा है. Covaxin के नाम से बन रहे इस वैक्सीन की तीसरे फेज का ट्रायल समाप्त होने के बाद सभी फेज के ट्रायल के नतीजों का अध्ययन किया जायेगा. उसके बाद यह टीका आम लोगों के लिए तैयार होगा.
विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि फरवरी 2021 तक यह वैक्सीन लोगों के लिए तैयार होगा. और प्राथमिकता के आधार पर लोगों का टीकाकरण का काम शुरू हो जायेगा. इस वैक्सीन के तीसरे फेज के ट्रायल में करीब 25 हजार लोगों को शामिल किया जा सकता है. इसका ट्रायल दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, असम और बिहार में हो सकता है.
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ट्रायल के नतीजे आ जाने के बाद कंपनी वैक्सीन के मार्केटिंग के लिए अप्लाई करेगी. कोवैक्सीन के साथ-साथ देश में दो और कोरोना वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है. जायउस कैडिला अपने वैक्सीन ZuCov-D का ट्रायल भारत में कर रही है. इसके अलावा सीरम इंडटीट्यूट ऑफ इंडिया ने ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन का भारत में ट्रायल का जिम्मा लिया है. इस टीके का नाम कोविशिल्ड (Covishield) है.
भारत के अलावा, दुनिया के कई देश कोरानावायरस का वैक्सीन बनाने में जुटे हुए है. सभी देशों ने उम्मीद जतायी है कि साल 2021 तक कोरोना का टीका आ जायेगा. भारत की कई फार्मा कंपनियां वैक्सीन के निर्माण के विदेशी कंपनियों के संपर्क में हैं. पीएम मोदी ने पहले ही कहा है कि कोरोना वैक्सीन के क्षेत्र में भारत अग्रणी भूमिका निभायेगा. रूस जैसे देशों ने भी टीका के निर्माण के लिए भारत पर भरोसा जताया है.
Posted By: Amlesh Nandan.