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कोरोना विस्फोट से निपटने के लिए मोदी सरकार की तैयारी, वैक्सीन से लेकर ऑक्सीजन की सप्लाई तक के लिए बनाया प्लान

Coronavirus in India : देश में कोरोना की दूसरी लहर ने कहर बरपाया हुआ है. कोविड19 के बढ़ते मामलों के चलते हॉस्पिटल्स में भी मरीजों की संख्या बढ़ रही है, जिससे हॉस्पिटल्स में ऑक्सीजन सप्लाई की कमी पैदा हो गई.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 14, 2021 8:33 AM

Coronavirus in India : देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. कोरोना की दूसरी लहर पहले से भी ज्यादा बड़ा होता जा रहा है. भारत में लगातार डेढ़ लाख से ज्यादा मामाले रोजाना मिल रहे हैं. वहीं इस नयी लहर ने देश की स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा असर डाला है. देश के कई राज्य दवा, वैक्सीन, वैंटिलेटर की कमी से जूढ रहे हैं. वहीं मोदी सरकार कोरोना वायरस से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. अब कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए सरकार क्या कर रही है आइए जानते हैं…

हॉस्पिटल्स में ऑक्सीन ना हो कमी 

देश में कोरोना की दूसरी लहर ने कहर बरपाया हुआ है. कोविड19 के बढ़ते मामलों के चलते हॉस्पिटल्स में भी मरीजों की संख्या बढ़ रही है, जिससे हॉस्पिटल्स में ऑक्सीजन सप्लाई की कमी पैदा हो गई. वहीं मंगलवार को ऑक्सीजन की कमी के कारण महाराष्ट्र में 7 मरीजों की मौत हो गयी थी. इन हालात से निपटने के लिए सरकार इंडस्ट्रीज से ऑक्सीजन सप्लाई पर बातचीत कर रही है. बता दें कि अनुमान के मुकाबिक देश में 72 हजार मिलियन मिट्रीक टन ऑक्सीजन उपल्बध है और मेडिकल के लिए इसका आधा ही इस्तेमाल होता है बाकि इंडस्ट्रीज यूज में जाता है. इसलिए सरकार इंडस्ट्रीज से बात करके ऑक्सीजन की कमी की समस्या को दूर कर रही है.

वैक्सीनेशन अभियान में आएगी तेजी

देश में संक्रमितों की संख्या के बढ़ने के साथ ही बने हालात और राज्यों में में टीकाकरण अभियान में तेजी लाया जा रहा है. वहीं दुनिया की सबसे पहली वैक्सीन होने का दावा करने वाली Sputnik V अब भारत में भी उपलब्ध हो सकेगी. Sputnik V कोरोना के खिलाफ 91% कारगर होने का दावा करती है. देश में टीकाकरण को बढ़ाने के लिए भारत सरकार टीकाउत्सव भी मना रही है.

कंपनियों को रेमडेसिविर का उत्पान बढाने का निर्देश 

देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद ही यहां रेमडेसिविर की क़िल्लत भी बढ़ गयी और कई राज्यों में लोगों इसे पाने के लिए लोगों की लम्बी कतार देखी गयी. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक फिछले साल रेमडेसिविर की कम या लगभग न के बराबर माँग थी, इसलिए इसका प्रोडक्शन रोक दिया लगा था. ऐसे में रेमडेसिविर की बढ़ती क़िल्लत को देखते हुए रविवार को भारत ने इसके निर्यात पर रोक लगा दी है और कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने का निर्देश दिया है.

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