जापान, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, चीन, अमेरिका जैसे देशों में कोरोना वायरस के मामलों में हालिया दिनों में बढ़ोतरी ने दुनियाभर की चिंता बढ़ा दी है. भारत में भी खतरे की घंटी बजने लगी है. जिससे केंद्र सरकार भी अलर्ट में आयी है. इधर कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एक हाई लेवल मीटिंग की. जिसमें स्वास्थ्य अधिकारी शामिल रहे. बैठक के बाद नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पॉल ने संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा, भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क लगाना जरूरी है. इसके अलावा उन्होंने बताया, अबतक जिसने बूस्टर डोज नहीं लिया है, उसे जल्द से जल्द लेना चाहिए. डॉ पॉल ने कहा, कोरोना के खतरे को लेकर सरकार सतर्क है और हर हफ्ते इसकी समीक्षा की जाएगी. हालांकि उन्होंने कहा, कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है.
मंडाविया की हाई लेवल मीटिंग में ये हुए शामिल
स्वास्थ्य मंत्री दुनियाभर में कोरोना के बढ़ते मामलों पर विचार करते हुए आज कोरोना संक्रमण की स्थिति पर समीक्षा की. मंत्री की बैठक में स्वास्थ्य, आयुष, औषधि विभाग और जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक राजीव बहल, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल तथा टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के अध्यक्ष एन एल अरोड़ा एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे.
There is no change with regard to aviation as of now: Dr VK Paul, Member-Health, NITI Aayog after the Union Health Minister's meeting on COVID pic.twitter.com/7VBF52So9p
— ANI (@ANI) December 21, 2022
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जीनोम अनुक्रमण बढ़ाने का किया आग्रह
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कोरोना वायरस के नये स्वरूप पर नजर रखने के लिए संक्रमित पाए गए नमूनों के जीनोम सीक्वेंसिंग को बढ़ाने का आग्रह किया. राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि इस तरह की कवायद देश में वायरस के नये स्वरूप का समय पर पता लगाने में सक्षम होगी और आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को सुनिश्चित करेगी.
दुनियाभर में कोरोना की स्थिति चिंताजनक
कोरोना की सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती अभी भी दुनिया भर में बनी हुई है, जिसके लगभग 35 लाख मामले साप्ताहिक रूप से सामने आ रहे हैं. जापान, अमेरिका, कोरिया गणराज्य, ब्राजील और चीन में मामलों में अचानक आई तेजी को देखते हुए, भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम के माध्यम से वायरस के स्वरूपों पर नजर रखने के लिए संक्रमण के मामलों के नमूनों का पूरा जीनोम अनुक्रमण तैयार करना आवश्यक है.