मास्क पहनो, भगवान सब ठीक कर देगा, कहते हुए 102 साल की दादी ने दी कोरोना को मात
पेशे से फार्मेसिस्ट उनके नाती पीयूष पांडेय ने बताया कि नानी के पैर की हड्डी में फ्रैक्चर है. पिछले चार सालों से वह ज्यादातर बिस्तर में ही रहती हैं.
देश में कुछ लोग जहां कोरोना संक्रमित होने पर भयभीत हो रहे हैं और अपनी स्थिति खराब कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने हंसते-हंसते कोरोना को मात दे दी है. उत्तर प्रदेश के बांदा जिला से एक ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां 102 साल की एक बुजुर्ग मुहिला शिवकन्या देवी ने मजबूत इच्छाशक्ति और आत्मसंयम की बदौलत घर पर रह कर ही कोरोना को हराने में कामयाबी हासिल की है.
एकसाथ परिवार के 12 सदस्य पाये गये पॉजिटिव : पेशे से फार्मेसिस्ट उनके नाती पीयूष पांडेय ने बताया कि नानी के पैर की हड्डी में फ्रैक्चर है. पिछले चार सालों से वह ज्यादातर बिस्तर में ही रहती हैं. इसके बावजूद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. पीयूष ने कहा कि अपनी मजबूत ताकत से उन्होंने हम सबको भी हौसला दिया. पीयूष ने बताया कि पिछले दिनों में कोरोना के शुरुआती लक्षण आते ही नानी की कोरोना जांच करायी गयी थी जिसमें उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी. उनके अलावा घर के बाकी 12 सदस्यों में भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद सभी घर में ही होम आइसोलेट हो गये.
नानी ने पूरे परिवार को धैर्य और संयम बरतने को कहा : पीयूष ने बताया कि नानी ने अपनी लड़खड़ाती जुबान में सभी को को समझाया कि डॉक्टरों की बात मानो, मास्क पहनो और भगवान सब ठीक कर देगा. नानी का इलाज पास के ही सरकारी अस्पताल के डॉक्टर की निगरानी में चला था. परिवार के सभी लोगों ने धैर्य और संयम के साथ सरकार की जो गाइडलाइन थी, उसका पालन किया. पीयूष ने बताया कि सबसे ज्यादा चिंता नानी की थी जो 102 साल की हैं.
परिवार में कई सदस्य हैं बुजुर्ग : ताऊ जी 70 साल के और चाचा जी 65 साल के हैं. हर दो घंटे में सभी ऑक्सीजन चेक करते थे और एकदूसरे की हौसलाअफजाई करते थे. लोग घर में हमेशा पॉजिटिव बात करते थे.
सभी ने एक-दूसरे का रखा ध्यान, हंसते-हंसते दी कोरोना को मात : इस दौरान नानी ने विशेष रूप से अपने अनुभव का इस्तेमाल किया और लोगों को प्रेरक कहानियां सुनायीं. इस दौरान पूरे परिवार ने खानपान पर विशेष ध्यान दिया. रोज सुबह पूरे परिवार ने एकसाथ योग किया और हंसते-हंसते कोरोना को मात दे दी. बांदा की इस नानी और इनके परिवार वालों ने संयम और नियम का पालन करते हुए न सिर्फ कोरोना को मात दी बल्कि उदाहरण भी पेश किया.