coronavirus third wave : तीसरी लहर को लेकर क्या होगी रणनीति ?
pm modi on corona third wave coronavirus third wave प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की. बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों से अपील की है कि बढ़ते संक्रमण के मामलों को ध्यान में रखते हुए इसे गंभीरता से लें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की. इन राज्यों में तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, ओडिशा, महाराष्ट्र, केरल के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इन राज्यों में कोरोना स्थिति पर चर्चा की है. बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों से अपील की है कि बढ़ते संक्रमण के मामलों को ध्यान में रखते हुए इसे गंभीरता से लें.
तीसरी लहर की आशंका पर क्या बोले पीएम
Reviewing the COVID-19 situation with Chief Ministers. https://t.co/NKHL3Mz0yk
— Narendra Modi (@narendramodi) July 16, 2021
नरेंद्र मोदी ने कहा, हम इस समय एक ऐसे मोड़ पर खड़े हैं जहां तीसरी लहर की आशंका लगातार जतायी जा रही है. देश के अधिकांश राज्यों में कोरोना संक्रमण की संख्या कम हुई थी, राहत महसूस हुई थी. व्यापार के क्षेत्र में भी लोग उम्मीद कर रहे थे कि स्थिति सुधरेगी. आज छह राज्य हमारे साथ हैं जहां पिछले हफ्ते 80 फीसद मामले इन राज्यों से हैं. 84 फीसद मौत भी इन राज्यों से हुई है.
दूसरी लहर में भी दिखा था ऐसा ही ट्रेंड
पीएम मोदी ने कहा, विशेषज्ञ यह मान रहे थे कि जहां से संक्रमण के मामलों की शुरुआत हुई थी वहां राहत मिलेगी लेकिन महाराष्ट्र और केरल में यह नहीं दिख रही है. हमें ऐसे ही ट्रेंड दूसरी लहर से पहले देखने को मिले थे. अगर स्थिति नियंत्रण में नहीं आयी तो परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. राज्यों को तीसरी लहर की आशंका को रोकना होगा. एक्सपर्ट की मानें तो लंबे समय तक लगातार मामले बढ़ाने से म्यूटेशन के मामले बढ़ जाते हैं इससे नये वेरिएंट का खतरा बढ़ जाता है इसलिए तीसरी लहर को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाना जरूरी है. इस दिशा में हमारी रणनीति वही है, आप अपने राज्यों में भी इसे अपना चुके हैं.
टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट एंड टीका
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टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट एंड टीका इसी रणनीति पर हमें फोकस करके हमें आगे बढ़ना है. माइक्रोकंटेंनमेंट जोन में हमें ज्यादा ध्यान देना है. जिन राज्यों में संक्रमण के मामले ज्यादा है वहां फोकस करना ज्यादा जरूरी है. मैं कई राज्यों से बात कर रहा था जिसमें पता चला कि कई राज्यों ने लॉकडाउन नहीं लगाया लेकिन कंटेनमेंट जोन पर पूरा फोकस किया. वैसे राज्य जहां संक्रमण के मामले ज्यादा है वहां वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज करने की जरूरत है.
स्वास्थ्य सुविधा बेहतर करें, ग्रामीण इलाकों पर रखें फोकस
दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, ओडिशा, महाराष्ट्र, केरल के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इन राज्यों में #COVID19 की स्थिति पर चर्चा की। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। pic.twitter.com/WqBmiWTZBM
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 16, 2021
पीएम मोदी ने उन राज्यों की तारीफ की जहां टेस्टिंग ज्यादा है. उन्होंने कहा, देश के सभी राज्यों को नये आईसीयू बेड बनाने और टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने के लिए फंड उपलब्ध कराया जा रहा है. केंद्र सरकार ने 23 हजार करोड़ से ज्यादा आपता कोविड फंड जारी कर दिया है. राज्यों में जो कमी है उन्हें तेजी से दूर किया जाये, हमें खासकर ग्रामीण इलाकों में ज्यााद फोकस करने की जरूरत है. सभी राज्यों में आईटी, कॉल सेंटर और तकनीक को मजबूत करने की जरूरत है.
आक्सीजन प्लांट पर करें फोकस
दूसरी लहर में कोरोना संक्रमण के बढ़े खतरे के दौरान ऑक्सीजन की कमी थी. पीएम मोदी ने इस बार ऑक्सीजन प्लांट का जिक्र करते हुए राज्यों से अपील की है कि इसे गंभीरता से लें उन्होंने राज्यों से कहा इसे मामले में किसी वरिष्ठ अधिकारी को लगायें और इसे जल्द पूरा करें.
बच्चों पर रखें पूरा ध्यान
प्रधानमंत्री ने तीसरी लहर की आशंका के बीच बच्चों की सेहत पर ज्यादा फोकस रखने की अपील की है. उन्होंने कहा, बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए हमें अपने तरफ से पूरी तैयारी करनी होगी. यूरोप के कई देशों में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. पश्चिम और पूरब में भी मामले बढ़ रहे हैं. यह पूरी दुनिया के चेतावनी है. हमें लोगों को बार- बार यह याद दिलाना है कि कोरोना गया नहीं है. हमारे यहां ज्यादातर जगहों में अनलॉक के बाद जो तस्वीरें आ रही है वह ज्यादा बढ़ा रही है.
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भीड़ बढ़ने से रोकें
पीएम मोदी ने कहा, आज जो राज्य हमारे साथ जुड़े हैं, उनमें से कई सघन आबादी वाले हैं. बड़े शहर हैं. हमें सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ बढ़ने से रोकने के लिए ध्यान देना होगा. सरकार के साथ- साथ अन्य राजनीतिक दल, एनजीओ, सामाजिक संगठन को काम करना होगा. हमें उम्मीद है कि अनुभवों का लाभ मिलेगा.