Coronavirus, UG PG Exam,UGC: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच देश भर में कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष / सेमेस्टर की परीक्षाओं को लेकर उलझन की स्थिति बनी हुई है. यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ) की नई गाइडलाइंस आने के बाद देश के तमाम विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. गुरुवार को यूजीसी ने कहा कि परीक्षाओं के आयोजन की स्थिति बताने के लिए विश्वविद्यालयों से संपर्क किया गया था.
अबतक 640 विश्वविद्यालयों का जवाब मिला है. इनमें से 454 विश्वविद्यालय या तो परीक्षा करा चुके हैं या फिर आयोजित करने की योजना बना रहे हैं. वहीं 177 विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं पर फैसला लिया जाना बाकी है. एएनआई न्यूज एजेंसी के मुताबिक यूजीसी ने कहा कि 2019-20 के दौरान स्थापित हुए 27 प्राइवेट यूनिवर्सिटी का फर्स्ट बैच अंतिम वर्ष की परीक्षा के योग्य नहीं है.
Universities were approached to inform the status of the conduct of examination. Response received from 640 universities. Out of these, 454 have either conducted the examination or are planning to conduct. 177 universities are yet to decide on the conduct of examination: UGC(1/2) pic.twitter.com/2SP7WbEzcS
— ANI (@ANI) July 16, 2020
गौरतलब है कि यूजीसी की गाइडलाइंस के मुताबिक सभी कॉलेजों व विश्वविद्यालयों के लिए 30 सितंबर तक यूजी और पीजी कोर्सेज के अंतिम वर्ष/सेमिस्टर की परीक्षाएं कराना जरूरी है. इस गाइडलाइंस आने के बाद तमाम राज्यों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. देश के कई राज्यों की सरकारें( दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, ओडिशा, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल ) अपने क्षेत्राधिकार के अंदर आने वाले विश्वविद्यालयों में सभी परीक्षाएं रद्द कर चुकी हैं.
जबकि यूजीसी ने सभी राज्यों से अपील की थी कि वह अपने यहां के सभी विश्वविद्यालयों के अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा जरूर कराएं. कहा था कि अगर हम अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षाएं नहीं कराएंगे तो इससे उनकी डिग्री की वैधता पर एक सवाल उठेगा. यूनिवर्सिटी और कॉलेज ऑनलाइन, ऑफलाइन किसी भी मोड से परीक्षाएं आयोजित कर सकते हैं. बता दें कि सितंबर के अंत तक परीक्षा का मामला कोर्ट में भी है. दिल्ली हाईकोर्ट ने भी केन्द्र, यूजीसी और दिल्ली यूनिवर्सिटी से परीक्षा कराने की गाइडलाइंस को लेकर जवाब मांगा है.
Posted By: Utpal kant