देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामले के कारण इस साल होने वाली अमरनाथ यात्रा पर संकट के बादल हैं. यह यात्रा इस बार तय समय पर होगी या रद्द हो जाएगी यह अभी साफ नहीं हुआ है. इस बात को लेकर जम्मू के राजभवन में बुधवार को हां-ना, हां-ना का दौर चला.पहले राजभवन ने अमरनाथ यात्रा कैंसिल करने की जानकारी दी. फिर वह जानकारी देने वाली प्रेस रिलीज ही कैंसिल कर दी. घंटेभर बाद तीसरी प्रेस रिलीज जारी कर सफाई देते हुए कहा कि आज की तारीख में यात्रा करवाना संभव नहीं है, लेकिन यात्रा होगी या नहीं, इसका फैसला बाद में होगा. अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है.
लेफ्टिनेंट गवर्नर गिरीशचंद्र मुर्मू इस बैठक की अध्य7ता कर रही थीं. तय कार्यक्रम के मुताबिक, इस वर्ष अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन एक अप्रैल को शुरू होने थे. इस बार 42 दिन की इस यात्रा का शुभारंभ 23 जून को होना है जो रक्षा बंधन के दिन तीन अगस्त को समाप्त होगा.
जम्मू में जिस यात्री निवास को अमरनाथ यात्रियों का बेस कैम्प बनाया जाता था, वह इन दिनों कोरेंटाइन सेंटर बना हुआ है. जम्मू-कश्मीर की सीमा को सील किया हुआ है और जरूरी सामान के अलावा किसी भी गाड़ी के आनेजाने की मनाही है. जम्मू-कश्मीर के एलजी और श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के चेयरमैन गिरीश चंद्र मुर्मू की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद सूत्रों ने बताया कि अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालु गुजरते हैं 77 कोरोना रेड जोन हैं. इसकी वजह से लंगरों की स्थापना, मेडिकल सुविधाएं, कैंप लगाना, सामानों की आवाजाही, रास्ते पर पड़े बर्फ को हटाना संभव नहीं है.
गौरतलब है कि साल 2000 में अमरनाथ श्राइन बोर्ड बनाया गया था. जम्मू कश्मीर के राज्यपाल/उपराज्यपाल इसके चेयरमैन होते हैं. इससे पहले पिछले साल अगस्त में केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने के ठीक 3 दिन पहले सुरक्षा का हवाला देते हुए अमरनाथ यात्रा रोक दी थी. यात्रा रोके जाने तक साढ़े तीन लाख लोग पवित्र गुफा में दर्शन कर चुके थे. कोरोना को लेकर जम्मू कश्मीर की बात की जाए तो राज्य में 407 कोरोना पॉजिटिव मरीज हैं, जिनमें से 351 सिर्फ कश्मीर से हैं. जहां से अमरनाथ यात्रा गुजरती है, उस कश्मीर घाटी के 10 जिले कोरोना प्रभावित हैं. चार जिले श्रीनगर, बारामुला, बांडीपोरा और कुपवाड़ा को हॉट स्पॉट घोषित किया गया है.