देश कोरोना से जूझ रहा है. इस घातक वायरस के खिलाफ जंग में स्वस्थ्यकर्मी दिन-रात एक किए हुए हैं. वे न केवल कोरोना के खतरे का सामना कर रहे हैं, बल्कि उन पर पत्थर मारे जा रहे हैं. उन्हें गालिया भी दी जा रहीं. देश में बीते दिन से लेकर अब तक ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. ऐसी ही घटनाओं को आशा कार्यकर्ताएं भी झेल रही हैं. महाराष्ट्र के नागपुर में लोगों के घर-घर जाकर उनकी जांच और देखभाल में लगी आशा कार्यकर्ता ने दुखी मन से बताया कि जब वे लोग सर्वे करने जाते हैं तो लोग उन पर पत्थर फेंकते हैं और गालियां देते हैं.
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नागपुर,'जब हम सर्वे करने जाते हैं तो लोग हमें पत्थर मारते हैं और गालियां देते हैं कि आप हमारे घर क्यों आ रही हैं सवाल करने।हम उन्हें समझाते हैं कि हम उनके हित के लिए काम कर रहे हैं।आप हमें सिर्फ जानकारी दीजिए उसके अलावा हम आपके घर से कुछ नहीं मांगते':ऊषा ठाकुर आशा कार्यकर्ता https://t.co/xeY64dpRUN pic.twitter.com/wtknFmBXoX
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 22, 2020
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में आशा कार्यकर्ता उषा ठाकुर ने बताया, जब हम सर्वे करने जाते हैं तो लोग हमें पत्थर मारते हैं और गालियां देते हैं कि आप हमारे घर क्यों आ रही हैं सवाल करने. हम उन्हें समझाते हैं कि हम उनके हित के लिए काम कर रहे हैं. आप हमें सिर्फ जानकारी दीजिए उसके अलावा हम आपके घर से कुछ नहीं मांगते’. गौरतलब है कि देश में यह पहली घटना नहीं है. ऐसा कई मामले देश भर में सामने आ रहे हैं. बता दें कि नागपुर में आशा कार्यकर्ताओं को कोरोना रेड जोन एरिया में सर्वेक्षण करने और साथ ही लोगों को कोरोना के प्रति जागरुक करने का काम सौंपा गया है.
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कोरोना वायरस के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर लड़ाई लड़ रहे मेडिकल स्टाफ पर हमले की कई घटना सामने आ चुकी है. इंदौर में दो बार स्वास्थ्यकर्मियों की टीम पर हमला हो चुका है. 1 अप्रैल को टाटपट्टी बाखल इलाके में कोरोना स्क्रीनिंग करने गयी टीम पर हमला किया गया था. इंदौर के अलावा उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, मेरठ, राजस्थान के टोंक में भी स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले हुए हैं.बिहार के दरभंगा जिले के सदर थाना क्षेत्र के भालपट्टी सहायक थाना क्षेत्र के भालपट्टी गांव में कोविड – 19 को लेकर सर्वे करने गयी एएनएम, आशा एवं आंगनबाड़ी सेविका के साथ द्वारा दुर्व्यवहार करने एवं कागजात को फाड़ देने का एक मामला सदर थाना में दर्ज हुआ है