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Coronavirus Update : कोरोना वैक्सीन लेने के कितने दिनों तक सुरक्षित हैं आप ? जानें रणदीप गुलेरिया ने क्या बताया

corona vaccine protection, Coronavirus update, corona vaccine, protection for eight months AIIMS director, Randeep Guleria देश भर में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान तेजी से जारी है. लेकिन इस बीच बढ़ते संक्रमण के बाद लोगों के मन में एक सवाल उठ रहा है कि आखिरी टीका लेने के बाद लोग कितने दिनों तक संक्रमण से सुरक्षित है.

By Agency | March 20, 2021 6:05 PM
  • 8-10 महीने तक रहेगा कोरोना वैक्सीन का असर, रणदीप गुलेरिया ने बताया

  • कोरोना फिर से बढ़ने की वजह, लोगों में बढ़ रही संक्रमण को लेकर लापरवाही

देश भर में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान तेजी से जारी है. लेकिन इस बीच बढ़ते संक्रमण के बाद लोगों के मन में एक सवाल उठ रहा है कि आखिरी टीका लेने के बाद लोग कितने दिनों तक संक्रमण से सुरक्षित है.

इस सवाल का जवाब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने दिया. उन्होंने बताया, कोरोना टीका 8 से 10 महीने तक संक्रमण से पूरी सुरक्षा देने में सक्षम हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि टीके का कोई बड़ा दुष्प्रभाव सामने नहीं आया है.

गुलेरिया ने आईपीएस (सेंट्रल) एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, कोरोना टीका 8 से 10 महीने और शायद इससे भी ज्यादा समय तक संक्रमण से पूरी सुरक्षा दे सकता है. उन्होंने कहा कि मामलों में उछाल का सबसे बड़ा कारण यह है कि लोगों को लगता है कि महामारी खत्म हो गई है और वे कोरोना से बचाव के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं.

अधिकारी ने कहा, संक्रमण में वृद्धि के कई कारण हैं, लेकिन मुख्य कारण यह है कि लोगों के रवैये में बदलाव आया है और उन्हें लगता है कि कोरोना वायरस खत्म हो गया है. लोगों को अभी भी कुछ और समय के लिए गैर-जरूरी यात्रा को स्थगित करना चाहिए.

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नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा कि संक्रमण की शृंखला को रोकना होगा और इसके लिए टीका एक उपकरण है, लेकिन दूसरा है रोकथाम और निगरानी रणनीति. उन्होंने कहा, कोरोना मानकों का पालन नहीं करना और लापरवाही उछाल का प्रमुख कारण है.

अधिक लोगों का टीकाकरण करने के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में, पॉल ने कहा कि टीके का यह मुद्दा सीमित है और यही कारण है कि प्राथमिकता तय की गई है. उन्होंने कहा, अगर हमारे पास असीमित आपूर्ति होती तो हम सभी के लिए टीकाकरण शुरू कर देते. यही कारण है कि हर किसी को टीके नहीं लगाए जा रहे हैं. दुनिया के अधिकांश देश इस वजह से प्राथमिकता समूह से आगे नहीं बढ़ पा रहे है.

नीति आयोग के सदस्य ने यह भी कहा कि सबसे ज्यादा मृत्यु दर वृद्धावस्था वाले लोगों में देखी गई. उन्होंने कहा, इन लोगों को टीके लेने में देरी नहीं करनी चाहिए. इसलिए संदेश यह है कि उन्हें इसकी आवश्यकता दूसरों की तुलना में अधिक है. यही कारण है कि उन्हें कोरोना टीके देने में प्राथमिकता दी गई है.

उपलब्ध कोरोना टीकों- कोवैक्सीन और कोविशील्ड की प्रभावशीलता के बारे में बात करते हुए गुलेरिया ने कहा, अगर हम दोनों टीकों को देखें, तो वे एक समान एंटीबॉडी का उत्पादन करते हैं और बहुत मजबूत हैं. हमें हमारे पास उपलब्ध टीके लगवाने चाहिए क्योंकि प्रभावकारिता और दीर्घकालिक सुरक्षा के संदर्भ में दोनों टीके समान रूप से प्रभावी हैं. देश में अब तक चार करोड़ से अधिक लोगों को टीके लगाए जा चुके हैं.

Posted By – Arbind kumar mishra

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