कोरोना संक्रमण का दूसरी लहर में देश की मौजूदा स्वास्थ्य सुविधाओं को कलई खोल दी. संक्रमण की वजह से वेंटिलेटर,ऑक्सीजन, बिस्तर की कमी ने कई लोगों की जान ले ली. अब संक्रमण के मामलों में गिरावट देखी जा रही है. तीन हफ्तों में ही संक्रमण के मामलों में 50 फीसद की गिरावट दर्ज की गयी है. सात दिन का औसत 8 मई के संक्रमण के मामलों की संख्या से आधा हो गया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार शनिवार को देश में कोरोना संक्रमण के मामले औसत 2 लाख से नीचे आ गये हैं. देश में संक्रमण के मामले 1,95,183 हो गये जो 3,91,263 पर थे. संक्रमण के मामलों में लगभग 50% की गिरावट दर्ज की जा रही है. दूसरी लहर में औसत दैनिक मामलों में 50% की कमी देश में महामारी की पहली लहर की तुलना में आधे समय में आ गयी है. इन घटते मामलों से देश ने राहत की सांस ली है.
पहली लहर में, औसत दैनिक मामले 17 सितंबर को 93,735 पर आंकड़े पहुंचे थे. छह सप्ताह बाद 30 अक्टूबर तक यह संख्या गिरकर आधी हुई थी. दैनिक मृत्यु के आंकड़े में सात दिनों के औसत में चरम से लगभग 18% की गिरावट दर्ज की गयी है. पहले महीनों में 5,000 से अधिक मौतों की गिनती इसमें नहीं की गयी है.
16 मई को सात दिन की औसत दैनिक मौतें 4,040 के उच्च स्तर पर थी. वर्तमान में यह संख्या 3,324 है. लोगों की मौत संक्रमण की वजह से देशभर में हो रही है. शनिवार को, भारत ने 3080 मौतें दर्ज की गयी.
देश में संक्रमण के मामलों में आ रही गिरावट का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि देश में मामलों के चरम पर पहुंचने से तीन हफ्ते पहले 17 अप्रैल को सात दिन का औसत 2,03,949 था. भारत ने शनिवार को 1,65,918 ताजा कोविड मामले दर्ज किए, जो एक दिन पहले पाए गए 1.74 लाख संक्रमणों में से एक है. यह देश में 2 लाख से कम दैनिक मामलों का लगातार तीसरा दिन था. पूर्वोतर के लगभग सभी राज्यों में कोरोनावायरस के मामलों में गिरावट दर्ज की जा रही है. मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश ने अपने दैनिक मामलों की उच्चतम संख्या क्रमशः 1,007 और 497 दर्ज की गयी है जबकि असम में भी 5,613 ताजा मामले दर्ज किए गए, जो 20 मई को दर्ज की गई 6,573 की उच्चतम संख्या के करीब है.
तमिलनाडु से फिर से देश में सबसे अधिक मामले (30,016) और वायरस से होने वाली मौतों (486) की खबर आ रही है . 21 मई को 36,184 के शिखर पर पहुंचने के बाद राज्य में दैनिक मामलों की संख्या कम होने लगी है, वहीं शनिवार को राज्य में मरने वालों की संख्या सबसे अधिक थी. देश में कम हो रहे संक्रमण के मामले राहत की खबर है तो तमिलनाडु सहित देश के दूसरे राज्यों से आ रहे मौत के आंकड़ों में और गिरावट की उम्मीद है.