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कोरोना संकट के बीच सरकार सबको दे रही है 1000 रुपये, जानें इस फर्जी दावे का सच

Corona virus epidemic Coronavirus India Live Updates, coronavirus social media rumours कोरोनावायरस (कोविड-19) से पूरी दुनिया बेहाल है. इस घातक वायरस के कारण दो लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं.भारत में कोरोना के अबतक 25 हजार से अधिक केस सामने आ चुके हैं. यह रफ्तार दिन-ब-दिन बढ़ रही है जो चिंता का विषय है. लेकिन उससे भी ज्यादा चिंतित कर रही हैं अफवाहें. कोरोना से तेज तो अफवाहों की रफ्तार है जो अधिक समस्या भी खड़ी कर रही है.

By Utpal Kant | April 26, 2020 8:38 AM

कोरोनावायरस (कोविड-19) से पूरी दुनिया बेहाल है. इस घातक वायरस के कारण दो लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं.भारत में कोरोना के अबतक 25 हजार से अधिक केस सामने आ चुके हैं. यह रफ्तार दिन-ब-दिन बढ़ रही है जो चिंता का विषय है. लेकिन उससे भी ज्यादा चिंतित कर रही हैं अफवाहें. कोरोना से तेज तो अफवाहों की रफ्तार है जो अधिक समस्या भी खड़ी कर रही है. कोविड-19 महामारी को लेकर तमाम तरह की अफवाहें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. अभी जो ताजा अफवाह फैली है उसका पीआईबी ने खंडन किया है. दरअसल, ट्विटर और व्हाट्सऐप पर ऐसी खबरें आ रही हैं कि केंद्र सरकार की ओर से कोरोना सहायता योजना WCHO के तहत सभी को 1000 रुपये की राशि दी जा रही है, इसके लिए आपको एक फॉर्म भरने के लिए कहा जा रहा है. यह फॉर्म फर्जी है और सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है.

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क्या है इस फार्म में

https://paymeurl.com/ लिंक दिया गया. इस लिंक पर जब आप क्लिक करेंगे तो एक फॉर्म आएगा. इस फॉर्म में पहले आपको नाम, पिता का नाम और राज्य का नाम भरने के लिए कहा जाएगा, यह भरने पर दूसरा पेज आएगा, जिसमें आपको मोबाइल नंबर और पिन कोड भरने के लिए कहा जाएगा. इसके बाद इस मेसेज को पांच लोगों से शेयर करने के लिए कहा गया है.


पीआईबी ने किया साफ

प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) के फैक्ट चेक अकाउंट से एक ट्वीट किया गया है. इस ट्वीट में लिखा गया है, दावा: कोरोना सहायता योजना WCHO की तरफ से 1000 रु सहायता राशि सभी को दी जा रही है. फॉर्म भरें और 1000 प्राप्त करें. #PIBFactCheck: केंद्र सरकार द्वारा ऐसी कोई भी योजना नहीं चलाई जा रही. मैसेज में किया गया दावा व दिया गया लिंक फर्जी है. कृपया जालसाजों से सावधान रहें

अफवाहों का क्या करें

पहले लॅाकडाउन के ऐलान के बाद दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, अहमदाबाद से पलायन की तस्वीर सामने आई, इसमें अधिकांश अफवाहों के शिकार हुए लोग थे जो हजारों की संख्या में थे. लॅाकडाउन-2 के ऐलान के बाद भी अफवाह मुंबई में फैली कि ट्रेन चल रही है देखते ही देखते 5 हजार से अधिक लोग इकठ्ठा हो गए. यह अफवाह इतनी तेज़ फैली कि प्रशासन को कानों कान खबर तक न हुयी. कोरोना से तेज तो अफवाहों की रफ्तार है जो अधिक समस्या भी खड़ी कर रही है. उत्तर प्रदेश सरकार ने हॅाटस्पाट जगहों को सील करने का ऐलान किया. तो प्रदेश के 15 जिलों में अफवाह उड़ी की पूरा जिला बंद हो रहा है. बाजारों में भीड़ जुट गई, सोशल डिस्टेंसिंग का जमकर मजाक उड़ाया जाने लगा.

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अमेरिका ने भारत से मलेरिया की दवा कि मांग की तो अफवाह फैली कि यह दवा कोरोना के इलाज में काफी कारगर है. लोगों ने मलेरिया की दवा ऐसे खरीदी कि देखते ही देखते बाजारों से मलेरिया की दवा ही गायब हो गई. कुछ जगहों पर अन्य बीमारी से मरने वाले लोगों कि मौतों को भी कोरोना से जोड़ दिया गया. उसका असर हुआ कि लोग परिजनों को सांत्वना तक देने से कतराने लगे. इन सारे अफवाहों को देखकर लगता है कि भारत को जितनी बड़ी लड़ाई कोरोना से लड़नी है उतनी ही बड़ी लड़ाई इन अफवाहों से भी लड़नी है, जो हर दिन अलग अलग सूरत में सामने आ जा रही है.

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