देश का एकमात्र प्रदेश जहां अभी नहीं पहुंच पाया है कोरोना वायरस, आखिर कैसे? जानें कारण
लॉकडाउन 4.0 के बीच देश में कोरोना का कहर तेज होता जा रहा है. देश के कई बड़े शहरों में ये घातक वायरस लोगों की जान ले रहा है लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का एक राज्य ऐसा भी हैं जहां अभी तक कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है.
लॉकडाउन 4.0 के बीच देश में कोरोना का कहर तेज होता जा रहा है. देश के कई बड़े शहरों में ये घातक वायरस लोगों की जान ले रहा है लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का एक राज्य ऐसा भी हैं जहां अभी तक कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है. नागालैंड में सोमवार को कोरोना का पहला मामला सामने आने के बाद अब लक्षद्वीप ही इस बीमारी के संक्रमण से बचा हुआ है.
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लक्षद्वीप में अभी तक कोरोना वायरस एक भी केस सामने नहीं आया है. गौरतलब है कि भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला जनवरी के अंत में सामने आया था और तब से लेकर अभी तक देश में लगातार इस वायरस के एक लाख 45 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं जबकि 4100 से अधिक लोग इस वायरस के कारण अपनी जान गंवा चुके है. केंद्र सरकार ने वायरस के असर को रोकने के लिए 25 मार्च को लॉक डाउन का ऐलान किया था और अभी इसका चौथा चरण चल रहा है. सरकार का दावा है कि लॉक डाउन का फायदा हुआ है और देश में मामले उस रफ्तार से नहीं बढ़े और अगर लॉक डाउन ना होता तो मामले काफी ज्यादा होते.
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ऐसे लड़ी कोरोना से जंग
लक्षद्वीप छोटे-छोटे 36 द्वीपों का एक समूह है जिसकी आबादी करीब 64 हजार है. शनिवार से पहले सिक्किम, नागालैंड और लक्षद्वीप में कोई मामला नहीं था, लेकिन अब केवल लक्षद्वीप ऐसा बचा है, जहां कोरोना वायरस नहीं पहुंचा है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक लक्षद्वीप के स्वास्थ्य अधिकारियों ने राज्य में एक भी कोरोना वायरस पॉजिटिव केस न आने के पीछे समय रहते तैयारी करने, सभी निवासियों की अनिवार्य कोविड 19 जांच और सख्त क्वारंटाइन नियमों की सफल प्लानिंग को श्रेय दिया है. लक्षद्वीप की जनसंख्या करीब 64 हजार है. वह अपनी जरूरतों के लिए केरल पर निर्भर रहता है. राज्य ने मार्च से अब तक अपने यहां लोगों की आवाजाही पर सख्त निगरानी की. केरल से अब तक लक्षद्वीप में सिर्फ जरूरी सामान की सप्लाई ही हुई है.
लक्षद्वीप के स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर एस सुंदरावैदिवेलू के बताया, हमने बहुत पहले ही राज्य में बाहरी लोगों की आवाजाही रोक दी थी. विदेश से पर्यटक और घरेलू पर्यटक भी इसमें शामिल थे. हमने सभी यात्रियों की आवाजाही रोक दी थी. जब लॉकडाउन लगा तो जो निवासी लक्षद्वीप लौटना चाह रहे थे उन सबका हमने कोविड-19 टेस्ट कराया. कोच्चि और मंगलोर में उन सभी की आरटी-पीसीआई जांच की गई. हम तभी उन्हें वापस लाए जब वे जांच में नेगेटिव पाए गए. जो यहां आए वे सभी कोविड-19 नेगेटिव निकले.लक्षद्वीप के जिन लोगों की कोविड 19 जांच नेगेटिव आई थी, उनको और उनके परिवार को भी 14 दिन के लिए अनिवार्य रूप से कोरेंटिन में रखा गया.