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महाराष्ट्र, पंजाब, केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में बेकाबू हुआ कोरोना
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पंजाब के जलांधर में लगा नाइट कर्फ्यू, रात 11 बजे से लेकर सुबह पांच बजे तक शख्ती
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महाराष्ट्र, पंजाब में सरकार ने भेजे केन्द्रीय दल
देश में कोरोना का संक्रमण एक बार फिर से डराने लगा है. खास कर महाराष्ट्र, पंजाब, केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ने लगा है. सबसे खराब स्थिति महाराष्ट्र, पंजाब और केरल की है. इधर कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण पंजाब के जालंधर में जिला प्रशासन ने शनिवार से नाइट कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया है.
उपायुक्त घनश्याम थोरी ने कहा कि जिले में रात 11 बजे से लेकर सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू रहेगा. उन्होंने बताया कि यह आदेश शनिवार से प्रभावी होगा. जालंधर में शुक्रवार को संक्रमण के अधिकतम 134 नये मामले सामने आए थे. चिकित्सा बुलेटिन के अनुसार, अभी जालंधर में संक्रमण के कुल 856 मरीज उपचाराधीन हैं. पंजाब में पिछले चार सप्ताह से कोरोना के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है.
मालूम हो पंजाब में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 808 नये मामले दर्ज किये गये हैं. जबकि महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे में 10216 नये मामले सामने आये हैं. केरल में 2776 और कर्नाटक में 677 नये केस सामने आये हैं.
महाराष्ट्र, पंजाब में प्रतिदिन संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद सरकार ने केन्द्रीय दल भेजे
महाराष्ट्र और पंजाब में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रतिदिन मामले तेजी से बढ़ने के बाद केन्द्र सरकार ने उच्च स्तरीय जन स्वास्थ्य टीमों को इन राज्यों में भेजा है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इन टीमों को कोरोना वायरस संक्रमण की निगरानी, नियंत्रण आदि में राज्य स्वास्थ्य विभाग की सहायता के लिए भेजा जा रहा है.
महाराष्ट्र के लिए उच्च स्तरीय दल की अगुवाई एमओएचएफएब्ल्यू के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के वरिष्ठ सीएमओ पी रवीन्द्रन करेंगे. वहीं पंजाब के लिए जन स्वास्थ्य टीम की अगुवाई नयी दिल्ली के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र के निदेशक एस के सिंह करेंगे.
मंत्रालय ने कहा कि ये दल ऐसे इलाकों में जाएंगे जहां संक्रमण के मामले बहुत अधिक हैं और संक्रमण के मामले बढ़ने के कारणों का पता लगाएंगे. मंत्रालय के आंकडों के मुताबिक पंजाब में संक्रमण के 6,661 मामले उपचाराधीन हैं और महाराष्ट्र में उपचाराधीन मामलों की संख्या 90,055 है. ये दल मुख्य सचिव/सचिव (स्वास्थ्य) को जानकारी देंगे साथ ही यह भी बताएंगे कि संबंधित राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों को उपाय के तौर पर क्या कदम उठाने चाहिए.
Posted By – Arbind kumar mishra