कोरोनावायरस के खतरे के मद्देनजर देश मार्च से लॉकडाउन है. लॉकडाउन के दूसरे चरण की ये अवधि तीन मई को समाप्त होगी. देश में कोरोना के मामले 18 हजार से ज्यादा हो चुके हैं. साउथ ब्लॉक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह GoM की बैठक होगी. बैठक में लॉकडाउन और कोरोनावायरस संक्रमण की समीक्षा होगी. बैठक में तीन मई के बाद राहत और रियायत देने पर भी चर्चा हो सकती है. कोरोना वायरस संकट और लॉकडाउन के बीच हो रही ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की ये छठी बैठक है, जिसमें कई पहलुओं पर चर्चा होनी है. बैठक में लॉकडाउन के दौरान जरूरी सामान की सप्लाई के अलावा प्रवासी मजदूरों को लेकर भी चर्चा हो सकती है.
सरकारी सूत्रों के हवाले से जानकारी के मुताबिक, कई तरह की ढील पर चर्चा मुमकिन है. सूत्रों के मुताबिक, 3 मई के बाद लॉकडाउन बढ़ने जैसी बात की संभावना नहीं है. लॉकडाउन के बाद शर्तों के साथ छूट मिलेगी, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाना होगा. ट्रेन, प्लेन से आवागमन की फिलहाल छूट मिलने की उम्मीद नहीं है. लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी रियायत जोन के हिसाब से ही दी जाएगी.
इधर, देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना के बढ़ते मामलों और राज्य सरकारों के ढीले-ढाले रवैये के बाद केंद्र सरकार बेहद सतर्क हो गई है. उसने संकेत दिए हैं कि अगर यही हाल रहा तो वहां पर सख्ती बरती जाएगी. फिलहाल केंद्र की विशेष टीमें कुछ राज्यों का दौरा कर वहां के हालात का जायजा लेंगी. बाद में इनका दायरा बढ़ाया जा सकता है. केंद्र को उम्मीद है कि लॉकडाउन के दूसरे चरण में संक्रमण के फैलाव पर काफी अंकुश लगाया जा सकता है, लेकिन कुछ राज्यों ने जिस तरह का व्यवहार किया है और छूट बढ़ाने की कोशिश की है उससे स्थितियां नाजुक बनी हुई हैं. मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात के हॉटस्पॉट क्षेत्रों के हालात भी नाजुक हैं, जबकि पश्चिम बंगाल में खतरा बढ़ा है.
सूत्रों ने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क जीवन और दिनचर्या में शामिल रहेगा. तीन मई के बाद घर से निकलने की छूट मिल सकती है लेकिन मास्क पहनना होगा. दूरी का ख्याल रखना होगा. दफ्तरों में काम करने की इजाजत भी मिल सकती है. एक साथ भीड़ के इकट्ठा होने पर पाबंदी जारी रहेगी. इसके अलावा, शादी, धार्मिक स्थान जैसी जगहों को लेकर भी फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है. मुम्बई, दिल्ली, नोएडा, इंदौर जैसे इलाकों को लेकर खासी नज़र रखी जा सकती है. इन जगहों पर कोरोना संक्रमण के मामले बहुत ज्यादा है. 15 मई के बाद ही देश में कोरोना की स्थिति का बेहतर ढंग से आकलन हो पायेगा. बता दें कि देश में 21 अप्रैल की सुबह तक 18601 मामले सामने आ चुके हैं. 590 लोगों की मौत हो चुकी है.