नयी दिल्ली / न्यूयॉर्क : भारत में कोरोना की वैक्सीन कबतक आयेगी ? इसका जवाब वॉल स्ट्रीट रिसर्च और ब्रोकरेज फर्म, बर्नस्टीन रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में दिया है. इस रिपोर्ट के अनुसार कोरोना महामारी से लड़ रहे भारत के पास साल 2021 की पहली तिमाही के अंदर ही वैक्सीन होगा. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) अपनी पहली वैक्सीन वितरित करने की स्थिति में होगा.
इस रिपोर्ट में सामने आयी बातों पर गौर करें तो कहा गया है. वैश्विक रूप से चार उम्मीदवार हैं जो इस साल के अंत तक यानि 2020 के अंत या 2021 की शुरुआत तक वैक्सीन के अप्रूवल के बेहद करीब हैं. साझेदारी के माध्यम से भारत के पास दो हैं, एसआईआई को अपनी मौजूदा क्षमता और योग्यता के आधार पर अप्रूवल के समय, दोनों पार्टनरशिप वाले वैक्सीन कैंडीडेट्स के व्यवसायीकरण के लिए अच्छी स्थिति में रखा गया है.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया साल 2021 में 60 करोड़ खुराक और साल 2022 में 100 करोड़ खुराक की आपूर्ति करने की स्थिति में हो सकती है, इसके साथ ही निम्न और मध्यम वर्ग के बाजार के लिए साल 2021 में इन खुराकों में से 40 से 50 करोड़ खुराक उपलब्ध होना है इस रिपोर्ट में सरकारी और निजी बाजार के बीच वैक्सीन की मात्रा 55:45 होगी ऐसा अनुमान लगाया गया है.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारी माध्यमों की पहुंच पहले होगी लेकिन निजी बाजार भी होगा. फंडिंग, मैनपावर और डिलीवरी इन्फ्रास्ट्रक्चर के मामले में सरकार अपने दम पर बोझ उठाने के लिए संघर्ष करेगी. एसआईआई ने घोषणा की है कि गावी हर खुराक के लिए तीन डॉलर का भुगतान करेगा.
सरकार के लिए तीन और उपभोक्ताओं के लिए प्रति खुराक की मुल्य छह डालर तर रहने की संभावना जतायी गयी है. एसआईआई के अलावा लगभग तीन अन्य भारतीय फार्मा कंपनियों की जानकारी दी गई है, जो अपने स्वयं के वैक्सीन कैंडीडेट्स पर काम कर रही हैं और वे वर्तमान में पहले और दूसरे चरण में हैं इन तीनों कंपनियां के नाम जाइडस, भारत बायोटेक और बायोलॉजिकल ई हैं. कोविड-19 वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक तक के निर्माण और वितरण में तेजी लाने के लिए गावी द वैक्सीन अलायंस और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ साझेदारी की.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak