Coronavirus Vaccine in india: दुनिया में गहराये कोरोना संकट के बीच इस घातक वायरस के वैक्सीन (Corona Vaccine) पर तेजी से काम चल रहा है. अगर सबकुछ ठीक रहा तो भारत को अगले साल जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत में एक साथ दो-दो कोरोना वैक्सीन मिल सकता है. केंद्र सरकार (Central govt) वैक्सीन निर्माताओं के संपर्क में है ताकि डोज सही समय पर हासिल की जा सके.
एक आधिकारिक सूत्र के अनुसार दोनों वैक्सीन को सरकार 50 फीसदी कम दाम यानी 500 से 600 रुपये के बीच खरीदेगी. केंद्र की मोदी सरकार (Modi govt) प्राथमिकता के आधार पर जनसंख्या के चार समूहों को कोरोना वायरस का टीका लगाना चाहती है.
इसके लिए 50 से 60 करोड़ डोज की जरूरत होगी. टीओआई के मुताबिक, भारत में वैक्सीन उपलब्ध होने के बाद इसे सबसे पहले 70 लाख हेल्थ केयर वॉरियर्स और करीब दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को दिया जाएगा. लाभार्थियों की पहली सूची तैयार कर ली गई है.
ब्रिटेन की ऑक्सफर्ड विश्वविद्यालय द्वारा निर्मित एस्ट्राजेनेका (Oxford-AstraZeneca vaccine) अगले साल फरवरी में मिल सकती है. इसे भारत के सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सहयोग से बनाया जा रहा है. केंद्र सरकार को इस टीके को इमर्जेंसी अप्रूवल मिलने का इंतजार है. सीरम इंस्टिट्यूट दिसंबर में भारतीय रेगुलेटर के सामने इमर्जेंसी अप्रूवल के लिए अप्लाई कर सकता है.
इसने वैक्सीन का फेज 3 ट्रायल लगभग पूरा कर लिया है वहीं, देश में बनी कोविड वैक्सीन यानी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) को भी फरवरी तक इमर्जेंसी अप्रूवल दिया जा सकता है. इस तरह से फरवरी 2021 तक देश में कोविड-19 के दो-दो टीके उपलब्ध हो सकते हैं.
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स्वदेशी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का ट्रायल भी लगभग पूरा हो गया है. फेज 1 और 2 का डेटा जमा करने करने के बाद इमर्जेंसी अप्रूवल दिया जा सकता है. टीओई ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि फेज 3 ट्रायल से गुजर रही कोवैक्सीन का डेटा तैयार हो रहा है. एक अधिकारी ने कहा, अगर सीरम इंस्टिट्यूट ब्रिटेन का एफिसेसी डेटा सबमिट करता है तो उसे आसानी से अप्रूवल मिल सकता है. यहां तक कि भारत बायोटेक के मामले में भी, अगर कंपनी आवेदन करती है तो फेज 1 और 2 डेटा के आधार पर मंजूरी दी जा सकती है. कुल मिलाकर संकेत यही हैं कि अगर ट्रायल में सबकुछ सही रहता है तो जनवरी के अंत तक या फरवरी में भारत को एक से ज्यादा कोरोना वैक्सीन मिल सकता है.
Posted by: Utpal kant