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Vaccine News: भारत की पहली mRNA बेस्ड कोरोना वैक्सीन सेफ, DCGI को सौंपी गई दूसरे और तीसरे ट्रायल का डाटा

भारत की पहली एमआरएनए बेस्ड कोविड19 वैक्सीन पर काम कर रही है पुणे स्थित बायो टेक्नोलॉजी कंपनी जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स लिमिटेड ने डीजीसीआई (DCGI) को फेज 2 और 3 के क्लीनिकल ट्रायल का डाटा सौंपा है.

India Covid-19 Vaccine News भारत की पहली एमआरएनए बेस्ड कोविड19 वैक्सीन (India First mRNA COVID Vaccine) पर काम कर रही है पुणे स्थित बायो टेक्नोलॉजी कंपनी जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स लिमिटेड ने डीजीसीआई (DCGI) को फेज 2 और 3 के क्लीनिकल ट्रायल का डाटा सौंपा है. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है.

वैक्सीन सेफ और इम्युनोजेनिक

इससे पहले, पुणे स्थित बायो टेक्नोलॉजी कंपनी जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स लिमिटेड को एमआरएनए बेस्ड कोविड19 वैक्सीन के लिए फेज 2 और 3 के क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति मिल चुकी है. कंपनी ने अपनी वैक्सीन ट्रायल का पहला चरण पूरा कर लिया है और उसके अंतरिम नतीजे सेंट्रल ड्रग कंट्रोलर स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी के पास भेज दिया था. कमेटी ने वैक्सीन के पहले चरण के अंतरिम नतीजों के एक डेटा की समीक्षा की और पाया कि वैक्सीन HGCO19 सुरक्षित और इम्युनोजेनिक है. जिसके बाद दूसरे और तीसरे चरण के ह्यूमन ट्रायल की मंजूरी दी गई है.

2-3 फेज का ट्रायल इतने जगहों पर किया गया

एचजीसीO19 (HGCO19) एमआरएनए बेस्ड कोविड-19 वैक्सीन का दूसरे चरण का ट्रायल लगभग दस से पंद्रह जगहों पर और तीसरे चरण में ये ट्रायल 22 से 27 जगहों पर किए जाने की बात सामने आई थी. जेनोवा ने इस अध्ययन के लिए डीबीटी-आईसीएमआर क्लीनिकल ट्रायल नेटवर्क साइटों का उपयोग करने की योजना बनाई है. जेनोवा के एमआरएनए बेस्ड कोविड19 वैक्सीन विकास कार्यक्रम को आंशिक रूप से डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी CEPI के तहत पार्टली फंड किया गया था. बाद में, डीबीटी ने मिशन कोविड सुरक्षा- भारतीय कोविड-19 वैक्सीन विकास मिशन के तहत कार्यक्रम का समर्थन किया, जिसे बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस कॉउन्सिल (BIRAC) द्वारा लागू किया गया था.

भारत और दुनिया के लिए एक अहम वैक्सीन!

वैक्सीन को दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की अनुमति मिलने पर डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी सचिव डॉ रेणु स्वरूप ने कहा कि यह गर्व की बात है कि देश का पहला एमआरएनए-आधारित टीका सुरक्षित पाया गया है और भारत के डीसीजीआई ने दूसरे और तीसरे चरण को मंजूरी दी है. विश्वास है, ये भारत और दुनिया दोनों के लिए एक अहम वैक्सीन होगा. उन्होंने कहा कि ये हमारे स्वदेशी वैक्सीन विकास मिशन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और भारत को वैक्सीन विकास के वैश्विक मानचित्र पर स्थान देता है.

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