भारत में ऑक्सफोर्ड के कोरोना वैक्सीन covishield को इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिलने के बाद अब भारत बायोटेक के पहली स्पदेशी वैक्सीन covaxin को भी मंजूरी मिल गयी है. हालांकि अभी सरकार सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है. इसको लेकर आधिकारिक घोषणा की अभी प्रतिक्षा है. इसके साथ ही कोरोना के खिलाफ जंग में भारत दुनिया का पहला देश बन गया है कि जहां आपात स्थिति के लिए दो वैक्सीन को मंजूरी दी गयी है.
सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विशेषज्ञ समिति ने भारत की पहले स्वदेशी वैक्सीन को मंजूरी देने की अनुशंसा कर दी है. इसके साथ ही अब भारत में अगले कुछ दिनों में टीकाकरण का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है. टीकाकरण को लेकर सरकार पूरी तरह तैयारी में जुट गयी है. विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने पहले एसआईआई और भारत बायोटेक से अतिरिक्त सुरक्षा, प्रतिरक्षाजनत्व तथा प्रभाव संबंधी आंकड़े मांगे थे.
एसआईआई ने ऑक्सफोर्ड के टीके के आपात उपयोग की मंजूरी के लिए छह दिसंबर को भारत के औषध महानियंत्रक (डीसीजीआई) को आवेदन किया था, जबकि हैदराबाद की भारत बायोटेक ने सात दिसंबर को आपने स्वदेश विकसित कोवैक्सीन टीके की मंजूरी के लिए अर्जी दाखिल की थी. फाइजर ने चार दिसंबर को अपने टीके को नियामक मंजूरी के लिए आवेदन किया था.
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गौरतलब है कि ऑक्सफोर्ड के कोरोना वैक्सीन covishield के सीमित आपात इस्तेमाल की मंजूरी की सिफारिश करते हुए समिति ने कुछ नियामक प्रावधान लागू किये हैं जिनमें कहा गया है कि टीका 18 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों में रोग की रोकथाम के लिए प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ाने के लिहाज से है और इसमें चार से छह सप्ताह के अंतर पर दो खुराक मांसपेशियों में इंजेक्शन के माध्यम से दी जानी चाहिए.
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी है जिसने कोविशील्ड के उत्पादन के लिए एस्ट्राजेनेका के साथ करार किया है.
Posted By – Arbind kumar mishra