Corona Vaccine: PM मोदी ने शुरू किया दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान, जानें संबोधन की 10 बड़ी बातें

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने भारत में कोरोनावायरस वैक्सीन (Corona Vaccine) के टीकाकरण की शनिवार को शुरुआत कर दी है. यह टीकाकरण अभियान (Vaccination Drive) दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान है. टीकाकरण के पहले फेज में 3 करोड़ लोगों को वैक्सीन की दो-दो डोज लगायी जायेगी. इन 3 करोड़ लोगों को फ्री में वैक्सीन लगायी जायेगी. इनमें हेल्थ वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स शामिल हैं. इसके बाद देश भर में 27 करोड़ और लोगों को भी वैक्सीन लगायी जायेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2021 1:24 PM
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नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने भारत में कोरोनावायरस वैक्सीन (Corona Vaccine) के टीकाकरण की शनिवार को शुरुआत कर दी है. यह टीकाकरण अभियान (Vaccination Drive) दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान है. टीकाकरण के पहले फेज में 3 करोड़ लोगों को वैक्सीन की दो-दो डोज लगायी जायेगी. इन 3 करोड़ लोगों को फ्री में वैक्सीन लगायी जायेगी. इनमें हेल्थ वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स शामिल हैं. इसके बाद देश भर में 27 करोड़ और लोगों को भी वैक्सीन लगायी जायेगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीकाकरण अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि कोरोना वैक्सीन आ जरूर गया है. लोगों को टीका लगाया जा रहा है, लेकिन फिर भी सावधानी बरतनी होगी. कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है, क्योंकि ऐसा नहीं है टीका लग जाने के बाद आप सुरक्षित हो गये हैं. दो डोज लगने के कुछ दिन बाद ही आपके शरीर में वायरस से लड़ने की क्षमता पैदा होगी.

पीएम मोदी के संबोधन की 10 बड़ी बातें

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में लोगों को एक संदेश दिया कि दवाई भी और कड़ाई भी. इसका मतलब वैक्सीन की डोज लेने के बाद ढिलाई नहीं बरतनी है. सावधानी बनाये रखनी है. यहां बता रहें कि प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की बड़ी बातें…

  • भारत ने जिस प्रकार कोविड-19 महामारी का मुकाबला किया उसका लोहा आज पूरी दुनिया मान रही है.

  • इस महामारी से देश की लड़ाई आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की रही और इस मुश्किल दौर में भी हर भारतीय में आत्मविश्वास को कमजोर न पड़ने देने का संकल्प दिखा.

  • ऐसे समय में जब कुछ देशों ने अपने नागरिकों को चीन में बढ़ते कोरोना के बीच छोड़ दिया था तब भारत चीन में फंसे हर भारतीय को वापस लेकर आया.

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  • सिर्फ भारत के ही नहीं, हम कई दूसरे देशों के नागरिकों को भी वहां से वापस निकालकर लाए.

  • एक देश में जब भारतीयों की कोविड जांच के लिए उपकरण कम पड़ गये तो भारत ने पूरी लैब भेज दी, ताकि वहां से भारत आ रहे लोगों को टेस्टिंग की दिक्कत ना हो.

  • भारत ने इस महामारी से जिस प्रकार से मुकाबला किया उसका लोहा आज पूरी दुनिया मान रही है. केंद्र और राज्य सरकारें, स्थानीय निकाय, हर सरकारी संस्थान, सामाजिक संस्थाएं, कैसे एकजुट होकर बेहतर काम कर सकते हैं, ये उदाहरण भी भारत ने दुनिया के सामने रखा.

  • भारत ने 24 घंटे सतर्क रहते हुए हर घटनाक्रम पर नजर रखी और सही समय पर सही फैसले लिए. भारत दुनिया के उन पहले देशों में से था जिसने अपने हवाई अड्डों पर यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी.

  • जनता कर्फ्यू, कोरोना के विरुद्ध हमारे समाज के संयम और अनुशासन का भी परीक्षण था, जिसमें हर देशवासी सफल हुआ. जनता कर्फ्यू ने देश को मनोवैज्ञानिक रूप से लॉकडाउन के लिए तैयार किया. हमने ताली-थाली और दीए जलाकर, देश के आत्मविश्वास को ऊंचा रखा.

  • प्रधानमंत्री ने कहा कि संकट के उसी समय में जब देश भर में निराशा का वातावरण था तब देश के चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मी, एंबुलेंस ड्राइवर, आशा वर्कर, सफाई कर्मचारी, पुलिस और अग्रिम मोर्चे पर तैनात दूसरे कर्मी देशवासियों की जान बचाने में अपने प्राणों को संकट में डाल रहे थे.

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संबोधन में उन लोगों का जिक्र करते हुए भावुक हो गये, जिन्होंने इस महामारी के कारण अपनी जांच गंवा दी. मोदी ने कहा कि हमारे कुछ लोग अस्पताल से लौट कर वापस नहीं आए.

Posted By: Amlesh Nandan.

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