नयी दिल्ली : भारत में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. पिछले 24 घंटों में भारत में COVID19 के रिकॉर्ड 6977 मामले सामने आये और अब तक का सबसे ज्यादा 154 मौतें भी हुईं. इसके साथ ही देश में अब कुल मामलों की संख्या बढ़कर 1,38,845 हो गई है, इसमें 77103 सक्रिय मामले, 57720 ठीक / छुट्टी और 4021 मौतें शामिल हैं. इसके साथ ही भारत ने संक्रमितों की संख्या के मामले में ईरान को भी पीछे छोड़ दिया और दुनिया का सबसे अधिक कोरोना प्रभावित देशों में 10 वें नंबर पर और एशिया में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है.
कोरोना के बढ़ते मामलों ने देश के लिए चिंता बढ़ा दी है. सभी के मन में अब एक ही सवाल बार-बार उठ रहा है, आखिर कोरोना का कहर कब तक समाप्त होगा और जिंदगी कब फिर से पटरी पर लौटेगी. बहरहाल एक ऐसी खबर है जो कुछ हद तक कोरोना से कराह रही जिंदगी के लिए राहत देने वाली खबर है. जागरण की खबर के अनुसार पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के संयुक्त शोध में यह दावा किया जा रहा है कि बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बंगाल समेत पूरे उत्तर भारत से जुलाई के आखिर या फिर अगस्त के पहले सप्ताह तक कोरोना समाप्त हो जाएगा. शोध के लिए Susceptible infected record मॉडल का इस्तेमाल किया गया है.
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शोध में अतिसंवेदनशील मामलों, संक्रमितों और ठीक हो चुके लोगों के आंकड़ों को लेकर अध्ययन किया गया है. शोध में ये भी दावा किया गया है कि उत्तर भारत के राज्यों में संक्रमण का आंकड़ा कहां तक पहुंच सकता है.
शोध में अलग-अलग राज्यों के आंकड़े जो जून में हो सकते हैं. उसके बारे में बताया गया है. जो इस प्रकार है. बिहार – 5853, दिल्ली – 25729, यूपी – 8132, पंजाब – 4708, हरियाणा – 2097, राजस्थान – 14039, गुजरात – 26776, बंगाल- 12514 और ओडिशा – 5227. शोध में केरल के बारे में बताया गया है कि यहां जून के पहले सप्ताह में कोरोना का संक्रमण खत्म हो जाएगा.
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कुछ दिनों पहले एक शोध में दावा किया गया था कि भारत में मई-जून में कोरोना का संक्रमण पीक पर होगा, जिसपर एम्स के डॉयरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी मुहर लगा दी थी, अब वह सत्य होता नजर आ रहा है. भारत में मार्च-अप्रैल की तुलना में अब कोरोना के केस तेजी से आने लगे हैं. कुल संक्रमितों का आंकड़ा भी तेजी से 1 के पार पहुंच चुका है.
कोलकाता के बेस्ड इंडियन एसोसिएशन फॉर कल्टिवेशन ऑफ साइंस ने कोरोना वायरस की रफ्तार और लॉकडाउन की स्थिति को समझने के लिए एक अध्ययन किया था. उसी अध्ययन के आधार पर कहा गया था कि जून के आखिर में कोरोना संक्रमण का खतरा सबसे अधिक होगा. अध्ययन में दावा किया गया था कि अगर देश में समय पर लॉकडाउन नहीं लगाया गया होता तो यह स्थिति मई के आखिर में ही आ गया होता.
इससे पहले एक अध्ययन में दावा किया गया है कि भारत में लॉकडान जुलाई तक जारी रहेगा. अमेरिका की बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप यानी बीसीजी ने जॉन हॉप्किंस यूनिवर्सिटी से मिले डेटा के आधार पर कहा था कि चीन को छोड़कर दुनिया के 20 देशों में जुलाई तक लॉकडाउन जारी रहेगा. अध्ययन के आधार पर कहा गया है कि अगर लॉकडाउन में थोड़ी भी ढील दी जाती है तो कोरोना के संक्रमण को रोक पाना काफी मुश्किल हो जाएगा.