Tripura Municipal elections : त्रिपुरा नगर निकाय चुनाव की मतगणना रविवार की सुबह से ही जारी है. इस चुनाव में भाजपा ने अगरतला नगर निगम की 51 सीटों में से 29 पर जीत हासिल कर लिया है. इसी के साथ, भाजपा ने अगरतला नगर निगम चुनाव में बहुमत हासिल कर लिया है.
त्रिपुरा नगर निकाय चुनाव के दौरान रविवार को अगरतला नगर निगम (एएमसी) और दूसरी नगर निकायों की 200 से अधिक सीटों पर हुए चुनाव के लिए मतगणना शुरू हो गई. हालांकि राज्य में हुए इन चुनावों में धांधली और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर हमले के आरोप लगे हैं. राज्य निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि त्रिपुरा के सभी आठ जिलों के 13 मतदान केंद्रों पर मतगणना शुरू हो गई है, जहां तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, त्रिपुरा नगर निकाय चुनाव के दौरान कथित हिंसा की घटनाएं, गिरफ्तारी, दिल्ली में धरना-प्रदर्शन और सुप्रीम कोर्ट की ओर से अधिकारियों को शांतिपूर्ण मतदान कराने के निर्देश दिए जाने के बाद यह चुनाव चर्चा का विषय बन गया. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने गुरुवार को मतदान के दौरान गड़बड़ी का आरोप लगाया था. दोनों दलों ने विभिन्न नगर पालिकाओं में फिर से मतदान कराए जाने की मांग की. हालांकि, सत्तारूढ़ भाजपा ने इन आरोपों को खारिज कर दिया.
सहायक पुलिस महानिरीक्षक सुब्रत चक्रवर्ती ने बताया कि सामान्य सुरक्षा व्यवस्था के अलावा ‘त्रिपुरा स्टेट राइफल्स’ और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल को भी मतगणना केंद्रों से सटे इलाकों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किया गया है1 राज्य में शहरी स्थानीय निकायों (एएमसी, 13 नगर परिषदों और छह नगर पंचायत) में 334 सीटें हैं.
सत्तारूढ़ भाजपा ने सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं और उनमें से 112 पर निर्विरोध जीत हासिल की है. बाकी 222 सीटों पर 785 प्रत्याशी मैदान में हैं. चुनावी लड़ाई में सत्तारूढ़ भाजपा, तृणमूल कांग्रेस और माकपा आमने-सामने हैं. तृणमूल कांग्रेस स्वयं को एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में स्थापित करने के लिए पूर्वोत्तर और अन्य जगहों में खुद को स्थापित करना चाहती है, जबकि माकपा को कुछ वर्ष पहले भाजपा ने राज्य में सत्ता से हटाया था.
मतदान में धांधली और डराने-धमकाने का आरोप लगाने वाली तृणमूल ने पूरे चुनाव को रद्द करने की मांग की है, जबकि माकपा ने एएमसी सहित पांच नगर निकायों में नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की. दोनों दलों ने दावा किया कि भाजपा समर्थकों ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर हमला किया और चुनाव में धांधली की, लेकिन सरकार मूकदर्शक बनी रही. हालांकि, भाजपा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है. चुनाव में कुल 4.93 लाख से अधिक मतदाताओं में से 81.54 फीसदी ने मताधिकार का इस्तेमाल किया.