नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की एनआईए रिमांड चार दिन के लिए बढ़ा दी है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) दिल्ली एनसीआर के गैंगस्टरों के आतंकी संगठनों से लिंक के एंगल से जांच कर रही है. पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष न्यायाधीश (एनआईए) शैलेंद्र मलिक ने शनिवार को एजेंसी द्वारा की गई दलीलों को सुनने के बाद एनआईए को 10 दिनों की और रिमांड अवधि दी थी. एनआईए ने शनिवार को लॉरेंस बिश्नोई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की आखिरी तारीख को दी गई 10 दिनों की रिमांड खत्म होने के बाद पेश किया.
एनआईए ने लॉरेंस की और रिमांड की मांग करते हुए कहा कि राजस्थान में अभी भी कॉन्ट्रैक्ट किलिंग हो रही है, जहां कुख्यात गैंगस्टर राजू ठेहट को सीकर जिले में उसके घर के गेट पर चार लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी. एनआईए ने कहा कि इस मुठभेड़ में लॉरेंस के शामिल होने का भी संदेह है. सुनवाई के दौरान एजेंसी ने कहा कि वह सिद्धू मूसेवाला के मामले की जांच कर रही है और गैंगस्टरों के पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के साथ संबंधों की जांच शामिल है.
एनआईए के अनुसार, मौजूदा मामले में भारत और विदेश में स्थित एक आपराधिक सिंडिकेट या गिरोह के सदस्यों द्वारा रची जा रही साजिश केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली और अन्य हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने, युवाओं की भर्ती करने की संभावना है. देश और इन सदस्यों ने देश के लोगों के मन में आतंक पैदा करने के इरादे से प्रमुख व्यक्तियों की लक्षित हत्याओं सहित जघन्य अपराधों को अंजाम दिया या अंजाम देने की योजना बनाई.
एनआईए ने अदालत को आगे बताया कि पुलिस हिरासत में पूछताछ के दौरान लॉरेंस बिश्नोई ने अपने सिंडिकेट और अपने करीबियों के काम करने के तरीके का खुलासा किया है, जो सिद्धू मूसेवाला की हत्या मामले का मुख्य आरोपी है और वह लोगों के मन में आतंक पैदा करने के इरादे से भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए गिरोह या सिंडिकेट्स संचालित करता है. मामले में एनआईए ने लॉरेंस बिश्नोई, काला झठेड़ी, जग्गू भगवानपुरिया, गोल्डी बरार सहित 9 खूंखार अपराधियों को नामजद किया है.
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एनआईए ने कहा कि इन आरोपियों ने लोगों के मन में आतंक पैदा करने के इरादे से भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए युवाओं को भर्ती करने की साजिश रची थी. गिरोह के ये सदस्य अपने अन्य सहयोगियों के साथ घातक आग्नेयास्त्रों और विस्फोटकों के इस्तेमाल से लक्षित हत्याओं को अंजाम देकर दिल्ली और देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहे थे. ये आतंकवादी गिरोह बड़े पैमाने पर जनता के बीच व्यापक आतंक पैदा करने के लिए इन अपराधों को प्रचारित करने के लिए साइबरस्पेस और सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे थे. एनआईए ने कहा कि इनमें से कुछ गिरोह जेल से काम कर रहे हैं और अन्य फरार हैं और भारत और विदेशों के विभिन्न हिस्सों से काम कर रहे हैं.